नई दिल्ली। मौसम ने करवट बदल ली है। इसके अगले 48 घंटों के दौरान देश में छा जाने की संभावना है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण-पश्चिम राजस्थान पर बना हुआ है। इस चक्रवाती परिसंचरण से एक ट्रफ रेखा अरब सागर के मध्य भागों तक फैली हुई है। एक अन्य ट्रफ रेखा उत्तर-पश्चिमी उत्तरप्रदेश से बिहार, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम होते हुए असम तक फैली हुई है। चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और श्रीलंका के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा बिहार से पूर्वी मध्यप्रदेश होते हुए तटीय आंध्रप्रदेश तक फैली हुई है।
पिछले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत और उपहिमालयी पश्चिम बंगाल में मध्यम से भारी बारिश हुई।
ओडिशा, तटीय आंध्रप्रदेश, तेलंगाना के कुछ हिस्सों, लक्षद्वीप और कोंकण और गोवा में एक या दो स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।
झारखंड में अगले 48 घंटों में मानसून के दस्तक : झारखंड में अगले 48 घंटे के दौरान मानसून के दस्तक देने की संभावना है। मौसम ने करवट बदली है और राज्य के अनेक भागों में मानसून पूर्व की बारिश होने से मौसम सुहावना हो गया है। मौसम विभाग ने संभावना व्यक्त की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून सोमवार तक राज्य के सभी हिस्सों में पहुंच जाएगा।
दिल्ली में ऑरेंज अलर्ट : रातभर बारिश के बाद दिन में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के चलते राष्ट्रीय राजधानी में दिल्लीवासियों को गर्मी से थोड़ी राहत मिली। हालांकि शहर में मानसून से पहले की कोई प्रमुख गतिविधि दर्ज नहीं की गई। मौसम विभाग ने शुक्रवार के लिए 'ऑरेंज' अलर्ट जारी करते हुए मध्यम वर्षा और गरज के साथ बौछारें पड़ने के अलावा तेज हवाएं चलने की संभावना जताई है।
कम हुआ लू का प्रकोप : आईएमडी के मुताबिक दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तरी राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तरप्रदेश, उत्तरी मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों में 3 जून से शुरू हुए लू का असर 12 जून तक रहा।
हालांकि लू का प्रभाव कम होने के बाद भी 15 जून तक दिल्ली, दक्षिणी हरियाणा, दक्षिण-पूर्वी उत्तरप्रदेश और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र के अलग-अलग हिस्सों पर यह हावी रहा। विभाग के मुताबिक झारखंड, पश्चिम बिहार, उत्तरी ओडिशा और छत्तीसगढ़ के अलग-अलग इलाकों में भी 10 जून से 15 जून तक लोगों को लू का सामना करना पड़ा।
कहीं वर्षा तो कहीं लू का सिलसिला : स्काईमेटवेदरडॉटकॉम के अनुसार बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, विदर्भ, केरल, तमिलनाडु, तटीय कर्नाटक, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश होटल, दक्षिण गुजरात और दक्षिण-पश्चिम उत्तरप्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई। गंगीय पश्चिम बंगाल, आंतरिक तमिलनाडु, रायलसीमा, पूर्वी गुजरात, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली के कुछ हिस्सों, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान में हल्की बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश, उत्तरप्रदेश और बिहार में एक या दो स्थानों पर लू चली।
स्काईमेट वेदर के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान पूर्वोत्तर भारत, उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में मध्यम से भारी बारिश जारी रह सकती है। ओडिशा, छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, पूर्वी मध्यप्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, लक्षद्वीप लक्ष्यदीप में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है और केरल में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है।
बिहार, झारखंड, कर्नाटक, तमिलनाडु के कुछ हिस्सों, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, विदर्भ, मराठवाड़ा, कोंकण और गोवा, पश्चिमी हिमालय, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश और दिल्ली और एनसीआर के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश संभव है। उत्तर और पूर्वी राजस्थान, गुजरात के कुछ हिस्सों और पश्चिमी एमपी में हल्की बारिश संभव है।
मध्यप्रदेश में मानसून का गृहप्रवेश, इंदौर में भी शीघ्र होगी बारिश: दक्षिण-पश्चिम मानसून ने महाराष्ट्र के रास्ते मध्यप्रदेश के दक्षिण हिस्से से प्रवेश किया। इसके चलते बैतूल, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खंडवा सहित कुछ अन्य स्थानों पर बारिश भी हो रही है। इंदौर संभाग में भी शीघ्र ही बारिश की संभावना है। राजधानी भोपाल में भी अगले 2 से 3 दिनों में मानसून के दस्तक देने की संभावना है जिसके कारण अच्छी बारिश के आसार जताए जा रहे हैं। इंदौर में भी शीघ्र ही बारिश होने की संभावना है।
मौसम विज्ञान केंद्र भोपाल के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. पीके साहा ने बताया कि प्रदेश के सागर और जबलपुर संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर वर्षा या गरज चमक की स्थिति बन सकती है। इसी तरह से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, ग्वालियर, चंबल, रीवा संभागों के जिलों के अलावा अनूपपुर, शहडोल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में गरज चमक के साथ बिजली चमकने या गिरने के अलावा अल्पकालिक रूप से तेज हवाएं चल सकती हैं। गत वर्ष मध्यप्रदेश में मानसून अपने निर्धारित समय से 18 जून से पहल 12 जून को ही आ गया था।