नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा दिल्ली की सीमाओं पर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 1 दिसंबर को किसान यूनियन की बैठक बुलाई है। कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 1 दिसंबर को दोपहर 3 बजे विज्ञान भवन में किसान यूनियन की बैठक बुलाई है।
तोमर ने कहा है कि पहले निर्णय हुआ था कि किसान भाइयों के साथ अगले दौर की बातचीत 3 दिसंबर को होगी, लेकिन किसान अभी भी कड़ाके की सर्दी के बीच आंदोलन कर रहे हैं। दिल्ली में कोरोना महामारी का खतरा भी है इसलिए बातचीत पहले होनी चाहिए।
यही कारण है कि सरकार ने किसान नेताओं को आज (मंगलवार) को बातचीत के लिए विज्ञान भवन दोपहर 3 बजे बुलाया है। तोमर ने कहा कि जब फार्म कानून लाए गए तो उन्होंने किसानों के बीच कुछ गलतफहमी पैदा की। हमने किसान नेताओं के साथ वार्ता के दो दौर आयोजित किए थे।
उस समय भी हमने उनसे आग्रह किया था कि वे आंदोलन के लिए न जाएं और सरकार वार्ता के लिए तैयार है। इससे पूर्व केंद्र सरकार ने 3 दिसंबर को बैठक की तारीख तय की थी जिसे किसानों ने ठुकरा दिया था। किसानों का कहना था कि जल्द से जल्द उनके मुद्दों को लेकर बात की जाए। किसानों के प्रदर्शन के बढ़ते आकार को देखते हुए सोमवार रात कृषिमंत्री ने बताया कि मंगलवार को किसान यूनियन के साथ बात करेंगे।
पांचवें दिन भी डटे किसान : किसान सोमवार को पांचवें दिन भी राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं और दिल्ली के बुराड़ी मैदान में डटे रहे। इनमें से ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान से भी किसान उनका साथ देने पहुंचे। दिल्ली के सभी पांच प्रवेश बिन्दुओं को बंद करने की चेतावनी दे रहे किसानों में से अनेक ने कहा कि वे कोरोनावायरस के प्रसार के बारे में जानते हैं, लेकिन केंद्र के नए कृषि कानून उनके लिए अधिक बड़ा खतरा हैं।
किसानों ने कहा कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वे उनके मन की बात सुनें। प्रदर्शनकारी किसानों के एक प्रतिनिधि ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।