नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बच्चों के लिए 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन' के तहत सोमवार को छात्रवृत्ति जारी की। सरकार ने इस योजना की शुरुआत पिछले वर्ष 29 मई को की थी और इसका मकसद ऐसे बच्चों की मदद करना है, जिन्होंने कोरोनावायरस (Coronavirus) संक्रमण के चलते 11 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 के बीच अपने माता-पिता, कानूनी अभिभावक, दत्तक माता-पिता को खो दिया हो।
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि अगर किसी को पेशेवर पाठ्यक्रम या उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन (शिक्षा ऋण) चाहिए तो, पीएम केयर्स उसमें भी मदद करेगा। रोजमर्रा की दूसरी जरूरतों के लिए अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए 4 हजार रुपए हर महीने की व्यवस्था भी की गई है। ऐसे बच्चे जब अपने स्कूल की पढ़ाई पूरी करेंगे, तो आगे भविष्य के सपनों के लिए और भी पैसों की जरूरत होगी।
इसके लिए 18-23 साल के युवाओं को हर महीने स्टाइपेंड मिलेगा और जब आप 23 साल के होंगे तब 10 लाख रुपए आपको एकसाथ मिलेंगे। यह स्कीम हेल्थ इंश्योरेंस के जरिए ऐसे बच्चों की सेहत का भी ख्याल रखती है। इसके तहत उन्हें 5 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा।
मोदी ने कहा कि भारत ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अपनी क्षमताओं, वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, युवाओं पर भरोसा दिखाया और दुनिया के लिए चिंता नहीं, बल्कि आशा की एक किरण बनकर उभरा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान भारत कोई समस्या नहीं बल्कि समाधान देने वाला बनकर उभरा। हमने दुनियाभर में दवाइयां और टीके भेजे। उन्होंने कहा, हमने अपने देशवासियों को टीके उपलब्ध कराए और अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की करीब 200 करोड़ खुराक लोगों को दी जा चुकी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के नकारात्मक प्रभाव से उबरकर भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में बताया था कि प्रधानमंत्री स्कूली बच्चों के लिए छात्रवृत्ति जारी करेंगे। बयान के अनुसार, बच्चों को योजना के तहत पासबुक और आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत स्वास्थ्य कार्ड भी दिए जाएंगे।(एजेंसियां)