Celebration of colors at Shri Banke Bihari Temple : राधा-कृष्ण की नगरी में चारों तरफ धमाल मचा हुआ है। देश-विदेश से आए कान्हा के भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है। श्री बांके बिहारी मंदिर में रंगभरी एकादशी पर ठाकुर जी चांदी और सोने की पिचकारी से होली खेल रहे हैं। मंदिर प्रांगण में भक्तों का सैलाब ठाकुर जी की एक झलक देखने को बेताब नजर आ रहा है।
मंदिर में कान्हा के चरणों का गुलाल और रंग सेवायत भक्तों पर डाल रहे हैं। अपने इष्ट का अबीर और गुलाल पाकर श्रद्धालु अपने को धन्य मान रहे हैं। मथुरा नगरी में बसंत पंचमी से ही होली का आयोजन शुरू हो जाता है जो 40 दिन तक चलता है। मथुरा-वृंदावन के विभिन्न मंदिरों में रंगारंग कार्यक्रम होते हैं, साथ ही देश-विदेश से आए भक्त कान्हा के भक्ति सरोवर में डुबकी लगाते हैं।
लड्डू मार होली और लट्ठमार होली के बाद रंगभरी एकादशी पर मंदिरों में होली का उल्लास देखते ही बनता है। रंगभरनी एकादशी से लेकर बांके बिहारी पूर्णिमा तक विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर का नजारा देखते ही बनता है। आज से मंदिर में ठाकुर जी सफेद रंग की पोशाक पहनते हैं। मंदिर के पुजारी द्वारा ठाकुर जी को केसर का रंग, अबीर-गुलाल आदि अर्पण किया जाता है। उसके बाद ठाकुर जी सोने-चांदी की पिचकारी से भक्तों पर रंग डालते हैं।
प्रभु की इस लीला को देखकर भक्त हर्षित और प्रफुल्लित नजर आते हैं। ऐसा कहा जाता है कि भक्तों की बेरंग जिंदगी में ठाकुर जी अपना रंग भर देते हैं। मंदिर में रंगों की बौछार रूपी प्रसाद पाकर भक्त झूमते-नाचते नजर आ रहे हैं। कहीं फूलों की होली खेली जा रही है तो कहीं प्राकृतिक टेसू के फूलों से बने रंग के समुद्र में भक्त गोते लगा रहे हैं।