नई दिल्ली। लद्दाख में चीनी अतिक्रमण और सैन्य झड़प के बाद भी चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। लगातार शीर्ष अधिकारियों की बैठक के बावजूद चीन मानने को तैयार नहीं है। इस बीच, भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल चीन को खुली चुनौती दी है। इस बीच, रक्षामंत्री राजनाथसिंह ने भी वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी की है।
एएनआई के मुताबिक रावत ने साफ शब्दों में कहा है कि चीन के साथ बातचीत से विवाद नहीं सुलझा तो सैन्य विकल्प भी खुला है। हालांकि, शांति से समाधान तलाशने की कोशिशें की जा रही हैं। एक जानकारी के मुताबिक डेप्सांग और गोगरा चीनी सेना पीछे नहीं हटी है।
दूसरी ओर, चीन ने भारत को प्रस्ताव दिया था कि यदि वह फिंगर 4 इलाके से अपनी सेना को पीछे हटाने को तैयार हो जाता है तो चीन भी अपने सैनिकों को उतना ही पीछे हटा लेगा। हालांकि भारत ने चीन की इस पेशकश को सिरे से खारिज कर दिया था।
भारत का कहना है कि चीन सीमा पर 5 मई से पहले वाली स्थिति बहाल करे। पैंगोंग इलाके में भी भारत ने चीन के इस प्रस्ताव को पूरी तरह खारिज करते हुए उसे फिंगर 8 के पीछे पुरानी पोजिशन पर जाने के लिए कहा है।
यह भी कहा जा रहा है कि फिंगर 4 के इलाके से चीनी सैनिक फिलहाल हट गए हैं, लेकिन फिंगर 5 पर उसके सैनिकों ने पोजिशन ले रखी है। इतना ही नहीं इन इलाकों में चीन ने हथियार भी तैनात कर रखे हैं। कहा जा रहा है कि पैंगोंग इलाके में चीन पीछे हटने को राजी नहीं है। इसको देखते हुए भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार है। बताया जाता है कि चीन के किसी भी दुस्साहस का जवाब देने के लिए उसे ऊपर से निर्देश भी हैं।
इस बीच, रक्षामंत्री राजनाथसिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीन के साथ जारी सीमा विवाद पर समीक्षा बैठक की थी। बैठक में सीडीएस बिपिन रावत के साथ ही सेनाध्यक्ष जनरल मुकुंद नरवणे, वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल आरकेएस भदौरिया, नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीरसिंह भी शामिल थे।