नई दिल्ली। सीबीएसई 10वीं के गणित और 12वीं के अर्थशास्त्र के पेपर लीक होने के बाद इसकी परीक्षा रद्द कर दी गई है। सीबीएसई जल्द ही इसकी नई तारीखों की घोषणा करेगा। सीबीएसई पर्चा लीक का मुद्दा गर्मा गया है। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस पूरे मुद्दे पर जानकारी दी थी।
व्हाट्सएप से लीक हुआ पेपर : खबरों के अनुसार ये दोनों पर्चे व्हाट्सएप के जरिए लीक हुए और पेपर 35 हजार से लेकर 1 हजार तक में बिका। जैसे एक छात्र ने ने 35 हजार में अपने लिए पेपर खरीदा, लेकिन फिर उसी ने आगे पांच स्टूडेंट को 10-10 हजार रुपए में पेपर बेच दिया। जिन्होंने 10 हजार में पेपर खरीदा, उसने आगे 5-5 हजार में फॉरवर्ड किया। पांच हजार में पेपर खरीदने वाले ने हजार-हजार रुपए में आगे बढ़ा दिया।
पेपर एक चैन की तरह आगे बढ़ते रहे और व्हाट्सएप के जरिए ये पेपर फॉरवर्ड होते रहे। ये पेपर बड़ी संख्या में छात्रों, टीचर्स और अन्य लोगों के मोबाइल में पहुंच गए। पुलिस जांच में उस व्हाट्सएप की चैन की तलाश कर रही है। पुलिस मैसेज दर मैसेज पूछताछ कर असली गुनाहगार तक पहुंचना चाहती है।
छात्रों ने किया प्रदर्शन : सीबीएसई के 10वीं कक्षा के गणित और 12वीं कक्षा के अर्थशास्त्र विषय की पुन: परीक्षा की घोषणा के खिलाफ सैकड़ों छात्र गुरुवार को यहां जंतर-मंतर पर एकत्रित हुए और उन्होंने 'हमें न्याय चाहिए' जैसे नारे लगाए। हाथों में तख्तियां थामे इन छात्रों ने बताया कि पुन: परीक्षा की खबर के बाद उन्हें बहुत तनाव का सामना करना पड़ा। कई छात्रों ने दावा किया कि परीक्षाओं से 1 दिन पहले ही लगभग सभी प्रश्नपत्र लीक हो गए थे और उन्होंने मांग की कि अगर पुन: परीक्षा होती है तो यह सभी विषयों की होनी चाहिए।
सेंट थॉमस स्कूल की 10वीं कक्षा की छात्रा भाविका यादव ने कहा कि हम पुन: परीक्षा की खबर सुनकर हैरान थे। अगर कुछ छात्रों को परीक्षा से पहले लीक प्रश्नपत्र मिल गया तो इसके लिए हम परेशान क्यों हों? उनकी दोस्त ओजस्वी ने कहा कि हम सत्र की शुरुआत से दबाव में थे। हम परीक्षा देकर राहत महसूस कर रहे थे लेकिन हमने केवल डेढ़ घंटे ही राहत की सांस ली। बाद में हमें विभिन्न समाचार चैनलों से पता चला कि हमें पुन: परीक्षा में बैठना है जिसका मतलब यह हुआ कि हमें फिर से पूरा पाठ्यक्रम पढ़ना है।
एक अन्य छात्र ने कहा कि यह असंभव है कि बोर्ड को लीक की जानकारी नहीं थी। उन्हें पेपर सुबह ही रद्द कर देना चाहिए था। जनकपुरी में एक निजी कोचिंग सेंटर चलाने वाले रोहित मोगा ने कहा कि पुन: परीक्षा 12वीं कक्षा के छात्रों पर अतिरिक्त दबाव बनाएगी, क्योंकि वे इंजीनियरिंग, मेडिकल और विधि जैसे विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्रवेश परीक्षा के लिए तैयारी में व्यस्त हैं। रोहित ने कहा कि मेरे कई छात्रों ने परीक्षा से एक दिन पहले अर्थशास्त्र का लीक पेपर भेजा था लेकिन मैंने उनसे कहा कि ये केवल अफवाहें हैं, इन पर भरोसा मत कीजिए। ऐसा लगता है कि वे अफवाह नहीं, सच्चाई थी।
दोषियों को नहीं बख्शेंगे : सीबीएसई पेपर लीक मामले में गुनहगारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प व्यक्त करते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने गुरुवार को कहा कि इस घटना से सीबीएसई की छवि को दाग लगा है और ऐसी घटना दोबारा नहीं हो, इसके लिए परीक्षा व्यवस्था में बदालव समेत सभी जरूरी उपाय किए जाएंगे। जावड़ेकर ने कहा कि 16 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द हो गई है। उन छात्रों और अभिभावकों की पीड़ा वे समझते हैं। छात्रों की क्या मनोदशा होती है, उन्हें पता है तथा जिन लोगों ने यह अपराध किया है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। मुझे पूरा विश्वास है कि पुलिस जल्द ही दोषियों को पकड़ेगी, जैसे एसएससी मामले में 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं अभिभावकों और विद्यार्थियों के दर्द को समझ सकता हूं। मैं भी नहीं सो सका, मैं भी एक अभिभावक हूं। इस पेपर लीक मामले में जो भी दोषी होंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
पेपर लीक मामले में सीबीएसई के निशाने पर आने के बीच मंत्री ने कहा कि सीबीएसई की व्यवस्था अच्छी है और उच्चतम न्यायालय ने नीट परीक्षा के मामले में बोर्ड की तारीफ की और कहा कि इसकी व्यवस्था सबसे चुस्त है। वैसे इस घटना से सीबीएसई की शुचिता को दाग लगा है। हम तह तक जाएंगे। एसआईटी इस मामले की जांच कर रही है और हम आंतरिक जांच करा रहे हैं। जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस विषय को गंभीरता से लिया है। शिक्षा के क्षेत्र में अपराध की घटना आई है और हमारे सामने इसे खत्म करने की चुनौती है। मंत्री ने कहा कि गुनाहगारों ने व्यवस्था में सेंध लगाने का काम किया है।
हम दुनिया के देशों में इस बारे में व्यवस्था को देख रहे हैं और परीक्षा व्यवस्था में जरूरी बदलाव करेंगे। 10वीं और 12वीं कक्षा के कथित प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच के लिए दिल्ली पुलिस ने अपनी अपराध शाखा का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। जांच करने वाली एसआईटी में पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) और सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) रैंक के पुलिसकर्मी शामिल हैं। सीबीएसई द्वारा अपराध शाखा में 2 मामले दर्ज करने के बाद एसआईटी का गठन हुआ है। कांग्रेस ने प्रश्नपत्र लीक मामले में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और सीबीएसई के अध्यक्ष का इस्तीफा मांगा है और इसकी जांच उच्च न्यायालय के जज से कराने की मांग की है।
पुलिस ने की गिरफ्तारी : खबरों के मुताबिक पुलिस ने कुछ कोचिंग सेंटरों पर शिकंजा कसा है। एक टीचर को भी हिरासत में लिया गया है। टीचर ने अपनी सफाई में कहा है कि उन्हें वह पेपर व्हाट्सएप के जरिए अपने एक छात्र से मिला था। इसे उन्होंने अपने अन्य स्टूडेंट्स को फॉरवर्ड करवा दिया ताकि उनकी तैयारी अच्छी हो जाए। न उन्होंने पेपर खरीदा था, न ही आगे बेचा।
द्वारका, रोहिणी, राजेंद्र नगर में कोचिंग सेटरों पर छापे भी मारे गए। इस मामले के मास्टरमाइंड बताए जा रहे विद्या कोचिंग सेंटर के मालिक विक्की को हिरासत में लिया गया है। क्राइम ब्रांच ने सीबीएसई से जानकारी भी मांगी है। पुलिस सूत्रों की मानें तो शुरुआती जांच में ऐसे कई छात्र या शिक्षक सामने आए हैं, जिनकी भूमिका लीक पेपर को सिर्फ फॉरवर्ड करने में रही है।
कोचिंग संचालक के समर्थन में छात्र : टीवी खबरों के मुताबिक राजेन्द्र नगर के कोचिंग सेंटर संचालक विक्की को पुलिस में हिरासत में लिया। इसके समर्थन में कई छात्र और उनके माता-पिता साथ आए। उनका कहना था कि कोचिंग सेंटर के संचालक विक्की कई सालों से छात्रों को पढ़ा रहे हैं और वे ऐसा नहीं कर सकते हैं। हालांकि अभी जांच में कोई ठोस बात सामने नहीं आई है।
कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा : कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यहां कहा कि सीबीएसई प्रश्नपत्र लीक होने की दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी से साफ जाहिर है कि मोदी सरकार की नाक के नीचे 'परीक्षा माफिया' फल-फूल रहे हैं। बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने को कांग्रेस नेता ने अत्यधिक गंभीर बताया और कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सीबीएसई परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने से 25 लाख परिवारों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है और परीक्षा के लिए दिन-रात एक करने वाले बच्चों की मेहनत पर पानी फिर गया है। मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जांच का काम पूरा होने तक जावड़ेकर तथा सीबीएसई की अध्यक्ष अनिता करवाल को पद से हटा दिया जाना चाहिए। जावड़ेकर तथा सुकरवाल के रहते हुए इस मामले की निष्पक्ष जांच संभव नहीं है।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि जावड़ेकर का शिक्षा मंत्रालय पर नियंत्रण नहीं रह गया है। सीबीएसई जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा के भी प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं। जब प्रश्नपत्र लीक हो रहे हैं और लाखों बच्चों के समक्ष संकट खड़ा हो रहा है तो सीबीएसई की प्रमुख अपनी पुस्तक के प्रचार के लिए अहमदाबाद में बैठी हैं।