नई दिल्ली। आबकारी नीति 'भ्रष्टाचार' मामले को लेकर सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में दर्ज प्राथमिकी में नामजद 8 निजी व्यक्तियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया है। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आबकारी विभाग के 3 पूर्व अधिकारियों सहित प्राथमिकी में नामजद 4 लोकसेवकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को अब तक लोकसेवकों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी करने की आवश्यकता महसूस नहीं हुई है, क्योंकि वे सरकार को सूचित किए बिना देश नहीं छोड़ सकते।
एजेंसी ने प्राथमिकी में कुल नौ 'निजी व्यक्तियों' को आरोपी बनाया है, जिनमें मनोरंजन एवं इवेंट मैनेजमेंट कंपनी 'ओनली मच लाउडर' के पूर्व सीईओ विजय नायर, 'पर्नोड रिकार्ड' के पूर्व कर्मचारी मनोज राय; 'ब्रिंडको स्पिरिट्स' के मालिक अमनदीप ढाल; 'इंडोस्पिरिट' के एमडी समीर महेंद्रू और हैदराबाद के अरुण रामचंद्र पिल्लई शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मनोज राय के खिलाफ अब तक कोई लुकआउट सर्कुलर जारी नहीं किया गया है।
इससे पहले सिसोदिया ने दावा किया कि सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। उन्होंने इस कदम को 'नौटंकी' करार दिया। सिसोदिया के तीन करीबी सहयोगियों को भी प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद किया गया है। इनमें गुड़गांव में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे शामिल हैं।
सिसोदिया आबकारी नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में नामजद 15 लोगों में शामिल हैं। सीबीआई ने शुक्रवार को इस मामले की जांच के सिलसिले में सिसोदिया के घर समेत 31 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
इस बीच, आम आदमी पार्टी (AAP) ने (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सरकार पर अपना हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि वह हर सुबह सीबीआई-ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) का खेल खेलती है। वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि वह घबराए हुए हैं क्योंकि घोटाले की जड़ें उनके दरवाजे तक जाती है। भाजपा ने साथ ही जोर दिया कि आप के राष्ट्रीय संयोजक सहित कोई भी कानून से ऊपर नहीं है।
सिसोदिया ने सीबीआई के इस कदम को एक नौटंकी करार देते हुए कहा कि जांच एजेंसी को उनके आवास पर छापे के दौरान कुछ भी नहीं मिला।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में खुलेआम घूम रहे हैं और उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि क्या वह उन्हें ढूंढ़ नहीं पा रहे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी केंद्र को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि वह राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई के मुद्दों से निपटने के बजाय पूरे देश से लड़ रहा है। आप ने शनिवार को दावा किया था कि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सीधा मुकाबला होगा।
इस पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि हर कोई जानता है कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा चुनावों में क्या हुआ। उन्होंने कहा कि जनता आप को जवाब देगी। उन्होंने रविवार को कहा, अरविंद केजरीवाल जी, आपसे कोई नहीं डरता। जैसे-जैसे भ्रष्टाचार की कड़ियां खुल रही हैं, वैसे-वैसे हथकड़ी आपके नजदीक आ रही है। सभी जानते हैं कि आप कितना घबराए हुए हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि जब कोविड-19 प्रभावित लोगों को मदद की जरूरत थी तब केजरीवाल भ्रष्टाचार में लिप्त थे। उन्होंने कहा, आबकारी नीति घोटाले की जड़ें भ्रष्ट केजरीवाल के दरवाजें तक जाती हैं। कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और किसी भी भ्रष्ट व्यक्ति को छोड़ा नहीं जाएगा।
सिसोदिया ने ट्वीट किया, आपकी सारी छापेमारी असफल हो गई। कुछ नहीं मिला। एक पैसे की हेराफेरी नहीं मिली। अब आपने लुकआउट नोटिस जारी किया है कि मनीष सिसोदिया मिल नहीं रहा। यह क्या नौटंकी है मोदी जी? मैं दिल्ली में खुलेआम घूम रहा हूं। बताइए कहां आना है? क्या आपको मैं मिल नहीं रहा?
सिसोदिया आबकारी नीति के कार्यान्वयन में अनियमितताओं के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामजद 15 लोगों में शामिल हैं। वहीं केजरीवाल ने कहा कि हर सुबह केंद्र सरकार सीबीआई-ईडी का खेल शुरू कर देती है।
उन्होंने ट्वीट किया, ऐसे समय जब आम आदमी महंगाई से जूझ रहा है, करोड़ों की संख्या में युवा बेरोजगार हैं, केंद्र सरकार को सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर बेरोजगारी और महंगाई से लड़ना चाहिए। उसकी बजाय ये पूरे देश से लड़ रहे हैं। रोज सुबह उठकर सीबीआई-ईडी का खेल शुरू कर देते हैं। ऐसे देश कैसे तरक्की करेगा?
उल्लेखनीय है कि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने 17 नवंबर, 2021 से लागू आबकारी नीति के कार्यान्वयन में प्रक्रियात्मक चूक और नियमों के उल्लंघन की जांच की पिछले महीने सिफारिश की थी, जिसके बाद सीबीआई ने सिसोदिया के आवास सहित अन्य ठिकानों पर छापे मारे थे। सक्सेना द्वारा जांच की सिफारिश करने के बाद दिल्ली सरकार ने जुलाई में यह नीति वापस ले ली थी।(एजेंसियां)