नोएडा। उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) में दलित लड़की की मौत के बाद उसके परिवार से मिलने जा रहे पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया। पुलिस ने इस मामले में उनके और कांग्रेस 200 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
कांग्रेस नेताओं के खिलाफ धारा 144 का उल्लंघन करने तथा कोरोना काल में आम लोगों का जीवन संकट में डालने के आरोप में आईपीसी की धारा 188, और धारा 269, 270 के तहत मामला दर्ज कराया गया है।
इससे पहले दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा को उस समय हिरासत में ले लिया गया जब दोनों दलित बालिका के परिवार से मुलाकात के लिए हाथरस जाने पर अड़े हुए थे। आनन-फानन में इस युवती के शव का अंतिम संस्कार किये जाने की देशभर में जबर्दस्त निंदा की गई।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि राहुल, प्रियंका और अन्य 200 नेताओं को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया गया लेकिन निजी मुचलका जमा करने पर उन्हें छोड़ दिया गया।
यमुना एक्सप्रेसवे पर बहुत विचित्र स्थिति उत्पन्न हो गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने राहुल गांधी को रोकने के लिए उनके साथ कथित रूप से धक्का-मुक्की की जिस कारण वह जमीन पर गिर गए। हाथरस कांड को लेकर जगह जगह प्रदर्शन हुए। उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि यह युवती बलात्कार की पीड़िता नहीं थी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति जसप्रीत सिंह की पीठ ने उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और अपर पुलिस महानिदेशक को समन जारी कर सभी से 12 अक्टूबर को अदालत में पेश होने और मामले में स्पष्टीकरण देने को कहा है। पीठ ने युवती के माता-पिता से भी कहा है कि वे अदालत आकर अपना पक्ष रखें।
गौरतलब है कि गत 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी।