रांची, झारखंड के कोडरमा जिले के अभ्रक खदान क्षेत्रों के सुदूरवर्ती गांवों की 3,800 बालिकाओं ने यहां डोमचांच इलाके के प्रखंड मैदान में आयोजित अनोखे सत्यार्थी खेल महोत्सव में बढ़-चढ़कर भाग लिया। महोत्सव की सबसे अनोखी और विशेष बात यह रही कि इसमें भाग लेने वाले बच्चे कभी माइका माइन (अभ्रक खदान) में बाल मजदूरी करने के लिए अभिशप्त थे और खेलकूद उनके लिए सपने की तरह ही था। महोत्सव का आयोजन 500 से ज्यादा बाल मित्र ग्राम की बाल पंचायतों के चाइल्ड लीडर्स के नेतृत्व में किया गया। 27 दिसंबर से शुरू हुए इस महोत्सव का मंगलवार को रंगारंग समापन हुआ।
बाल मित्र ग्राम नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी का अभिनव प्रयोग है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी बच्चा बालश्रम न करे, किसी बच्चे का बाल विवाह न हो, किसी बच्चे का यौन शोषण न हो और सभी बच्चे स्कूल जाएं। नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी द्वारा स्थापित कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन (केएससीएफ) के द्वारा आयोजित इस महोत्सव के समापन कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए देश के सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, जिला उपायुक्त आदित्य रंजन एवं जिला पुलिस अधीक्षक शामिल हुए।
महोत्सव में भाग लेने वाले बच्चे कभी माइका माइन में बाल मजदूरी करने को मजबूर थे और ये समाज के वंचित व हाशिए पर रखे गए वर्ग से आते हैं। इन बच्चों ने हम बच्चों का है अधिकार, रोटी, खेल, पढ़ाई, प्यार… का नारा बुलंद करते हुए पूरे उत्साह व जोश के साथ इन खेलों में अपनी प्रतिभा दिखाई।
बच्चों को संबोधित करते हुए कैप्टन योगेंद्र सिंह यादव ने कहा कि मैं एक सैनिक हूं, देश को सुरक्षित रखना हमारा परम कर्तव्य है, जिसे हम बखूबी निभा रहें हैं, लेकिन बचपन को सुरक्षित बनाने के लिए कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में जो कार्य किए जा रहे हैं, वह काबिलेतारीफ हैं। हर नागरिक का यह कर्तव्य है कि बचपन को सुरक्षित बनाने की मुहिम में साथ मिलकर कार्य करें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कैलाश सत्यार्थी के नेतृत्व में बचपन बचाओ की जो मुहिम दो दशक पूर्व अभ्रक बहुल जिले कोडरमा, गिरिडीह व नवादा में चलाई जा रही है, उसका सकारात्मक परिणाम हम सभी देख रहे हैं। बाल मजदूरी, बाल दुर्व्यापार एवं बाल विवाह की रोकथाम कर सुदूरवर्ती बाल मित्र ग्रामों की बालिकाएं प्रतिभा दिखा रहीं हैं। आज हमारी बेटियां, अपने हक की आवाज बुलंद कर रहीं हैं, इसके लिए मैं केएससीएफ को धन्यवाद देना चाहती हूं।
जिला उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि इस खेल महोत्सव के माध्यम से बालिकाओं में ऊर्जा का संचार हुआ है। इस ऊर्जा का इस्तेमाल समाज मे फैली बाल विवाह, बाल मजदूरी एवं बाल दुर्व्यापार जैसी सामाजिक बुराइयों को खत्म करने में लगाना है।
एसडीपीओ ने फुटबॉल और कबड्डी की विजेता एवं उपविजेता टीम को बधाई दी और उनके बेहतर भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। बाल मित्र ग्राम करमडीह की बाल पंचायत मुखिया साजमा प्रवीण ने कहा कि केएससीएफ की सकारात्मक पहल का परिणाम है कि हम जैसी लड़कियां आज अपनी प्रतिभा दिखा पा रहीं हैं।
केएससीएफ के प्रोग्राम मैनेजर गोविंद खनाल ने कहा कि इस खेल महोत्सव में सुदूरवर्ती क्षेत्र की 3,800 बालिकाओं ने हिस्सा लिया है, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। ये बालिकाएं बच्चों के अधिकारों को भी सुनिश्चित कर रहीं हैं। गोविंद खनाल ने बच्चों की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में बच्चों की कड़ी मेहनत रही है, साथ ही प्रशासन का भी सहयोग रहा है और मैं इसके लिए सभी का आभार प्रकट करता हूं। समापन कार्यक्रम में जिला पुलिस अधीक्षक, जिला परिषद सदस्य, केएससीएफ के कार्यकर्ता एवं बाल मित्र ग्राम के बच्चे शामिल थे।
Edited: By Navin Rangiyal