नई दिल्ली। एक विशेष अदालत ने गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए हैरानी जताई है कि बिना लाइसेंस या बिल के बाजार में उच्च क्षमता वाली कैंसर निवारक दवाएं कैसे आसानी से उपलब्ध हैं जिससे कि लोगों की जान पर खतरा पैदा हो रहा है।
अदालत ने अग्रिम जमानत मांगने वाले दवा डीलर की याचिका पर यह टिप्पणी की। दवा डीलर के पास लाइसेंस नहीं है और उसके पास से कथित तौर पर 50 लाख रुपए की दवाइयां बरामद की गई हैं।
अदालत ने कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि ऐसी दवाएं आसानी से उपलब्ध हैं जबकि इससे सरकारी खजाने में राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। अदालत ने कहा कि इस पर विश्वास करना मुश्किल है कि ऐसी विषाक्त व उच्च क्षमता वाली कैंसर निवारक दवाएं खुले बाजार में बिना लाइसेंस या बिना बिल आसानी से बेची या खरीदी जा सकती हैं। इससे लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है और साथ ही सरकारी खजाने में राजस्व को नुकसान भी हो रहा है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने मध्य दिल्ली के करोलबाग इलाके में अभिनव बायोटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अभिनव पाठक की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। ड्रग इंस्पेक्टर ने उनके पास से कथित तौर पर दवाइयां बरामद की थी जिनका भंडारण आवश्यक लाइसेंस के बिना किया गया था। (भाषा)