Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

क्या 2000 के नोट अब भी बदले जा सकते हैं, जानिए RBI से

हमें फॉलो करें क्या 2000 के नोट अब भी बदले जा सकते हैं, जानिए RBI से

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

मुंबई , शुक्रवार, 1 मार्च 2024 (21:16 IST)
Exchange of Rs 2000 notes: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को कहा कि 2000 रुपए के लगभग 97.62 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं और अब सिर्फ 8470 करोड़ रुपए के नोट ही लोगों के पास मौजूद हैं।
 
आरबीआई ने 19 मई, 2023 को 2000 रुपए मूल्य वर्ग के बैंक नोटों को चलन से हटाने की घोषणा की थी। उसके बाद इन नोटों को बैंकों में जमा कराने या दूसरे मूल्य के नोटों से बदलने को कहा गया था।
 
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि 19 मई, 2023 को कारोबार की समाप्ति पर 2000 रुपए मूल्य के कुल 3.56 लाख करोड़ रुपए के नोट चलन में मौजूद थे। इस मूल्य वर्ग के चलन में मौजूद नोटों का मूल्य 29 फरवरी, 2024 को कारोबार समाप्ति पर घटकर 8470 करोड़ रुपए रह गया है।
 
97.62 प्रतिशत नोट वापस : इस तरह 2000 रुपये मूल्य वर्ग के चलन में मौजूद कुल 97.62 प्रतिशत नोट वापस आ चुके हैं। इसके साथ ही आरबीआई ने साफ किया कि 2000 रुपए के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे।
 
आरबीआई ने देश भर के अपने 19 कार्यालयों में 2000 रुपए के नोट को जमा या बदलने की सुविधा जारी रखी है। इसके अलावा लोग किसी भी डाकघर से आरबीआई के किसी भी कार्यालय में इंडिया पोस्ट के जरिए इन नोटों को भेज सकते हैं।
 
आरबीआई ने पहले कहा था कि लोग और संस्थाएं 30 सितंबर, 2023 तक इन नोट को बैंकों में जाकर बदल या जमा कर सकती हैं। बाद में समय सीमा सात अक्टूबर, 2023 तक बढ़ा दी गई थी।
 
आरबीआई के 19 कार्यालयों में बदलें नोट : हालांकि 8 अक्टूबर, 2023 से लोगों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में मुद्रा का आदान-प्रदान करने या उनके बैंक खातों में राशि जमा करने का विकल्प दिया गया है।
 
यह सुविधा आरबीआई के अहमदाबाद, बेंगलुरु, बेलापुर, भोपाल, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, चेन्नई, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, कानपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, नागपुर, नई दिल्ली, पटना और तिरुवनंतपुरम कार्यालयों में है। आरबीआई ने नवंबर, 2016 में 500 और 1000 रुपए मूल्य वर्ग के नोटों को चलन से बाहर किए जाने के बाद 2000 रुपए मूल्य के नोट जारी किए थे। (भाषा)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

लखनऊ में बुलडोजर पर रोक, सरकार की आवास नीति पर सुप्रीम कोर्ट की तीखी टिप्पणी