नई दिल्ली। भारत ने जापान के सामने बुलेट ट्रेन के कोचों का निर्माण देश में कर उसका निर्यात करने का प्रस्ताव रखा है। भारतीय रेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को ये बात कही। इसके अलावा भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु ने भी कहा कि इस संबंध में बातचीत चल रही है।
यदि यह संभव होता है तो जापान में शिंकांसेन रेलों की परिचालन लागत को नीचे लाया जा सकेगा साथ ही भारत में रोजगार उत्पन्न होगा। यह कदम सरकारी संगठनों के लिए कारोबार के नए अवसर खोलेगा। उच्च गति रेल नेटवर्क क्षेत्र में दुनियाभर में बहुत संभावनाएं हैं। अमेरिका, वियतमान, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और इंडोनेशिया में इस दिशा में विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि भारत में पहला उच्चगति रेल गलियारा मुंबई से अहमदाबाद के बीच बनाया जा रहा है। इसके 2022 तक शुरू होने की संभावना है। शुरुआत में भारत 18 शिंकांसेन ट्रेनों को जापान से 7,000 करोड़ रुपए में खरीदेगा।
जापान में उच्च गति रेलवे पर एक सम्मेलन से अलग रेलवे बोर्ड के सदस्य (इंजन एवं डिब्बे) राजेश अग्रवाल ने कहा, 'हमने जापान को प्रस्ताव दिया है कि बुलेट ट्रेन के डिब्बों को स्थानीय स्तर पर तैयार करने के लिए वे हमें प्रौद्योगिकी सहायता उपलब्ध कराएं। एक बार हम यह कर लेंगे तो हम लागत पर डिब्बों का निर्माण कर सकते हैं। बल्कि वे दुनिया में सबसे सस्ते होंगे।'
भारत ने कहा, 'फिर हम कोच का निर्माण दुनियाभर के लिए कर सकते हैं। अधिकतर देश फिर चीन के मुकाबले हमसे इसे खरीदेंगे। फिर सिर्फ दक्षिण-पूर्वी देश ही नहीं बल्कि यूरोप और अमेरिका जैसे देश भी इसे हमसे खरीदेंगे।' उन्होंने कहा कि रायबरेली स्थित आधुनिक कोच कारखाना इस तरह के डिब्बों के निर्माण के लिए पूरी तरह तैयार है।
अग्रवाल ने बताया कि रेलवे के पास करीब 1,50,000 कुशल श्रमिक, 50 रेलवे वर्कशॉप और छह उत्पादन इकाई हैं। भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु ने कहा कि शिंकांसेन ट्रेनों के स्थानीय निर्माण को लेकर बातचीत चल रही है। उन्होंने कहा, 'इस बारे में बातचीत हो रही है। मेरा मानना है कि इसका स्थानीय स्तर विनिर्माण ही सर्वश्रेष्ठ है और हम इस बारे में गंभीर तौर पर विचार कर रहे हैं।'
अग्रवाल ने कहा कि विचार सिर्फ यह नहीं कि जापान भारत में केवल रेलगाड़ी के रोलिंग स्टाक (इंजन,डिब्बे) का निर्माण करे बल्कि वह अपनी विनिर्माण इकाई का उपयोग रक्षा एवं अन्य क्षेत्रों के लिए निर्माण में भी करे।
भारत में बनने वाले उच्च गति रेल नेटवर्क की लंबाई 508 किलोमीटर होगी, इसमें 12 स्टेशन होंगे। इसका करीब 350 किलोमीटर हिस्सा गुजरात में और 150 किलोमीटर महाराष्ट्र में होगा। हर बुलेट ट्रेन में 10 कोच होंगे जिसमें एक बिजनेस क्लास और नौ सामान्य श्रेणी के होंगे। इस रेल का न्यूनतम किराया 250 रुपए और अधिकतम 3,000 रुपए प्रति व्यक्ति रहने का अनुमान है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण का काम जारी है।