नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने पहली बार देश में रक्तदान करने वालों के लिए व्यापक नियम और शर्तें तय की हैं। नए नियमों में 103 तरह की शर्तें रखी गई हैं। रक्तदान के लिए अधिकतम उम्र भी तय कर दी गई है, जो अभी तक नहीं थी। रक्तदान के लिए न्यूनतम उम्र 17 से बढ़ाकर 18 वर्ष की गई है। अधिकतम सीमा 65 वर्ष रहेगी।
रक्तदान की इन शर्तों को ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (डीटीएबी) मंजूरी दे चुका है। अभी इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय की मुहर लगनी बाकी है। कैदी रक्तदान नए नियमों के तहत जेल में बंद व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकेगा।
हिमोग्लोबिन 12.5 से ज्यादा होने पर ही रक्तदान : पुरुष 90 दिन बाद दोबारा रक्तदान कर सकते हैं, जबकि पहले यह अवधि चार माह थी। वही व्यक्ति रक्तदान कर सकेगा, जिसका हिमोग्लोबिन 12.5 से ज्यादा है। ट्रांसजेंडर, होमोसेक्सुअल, फीमेल सेक्स वर्कर्स बिना डॉक्टरी जांच के रक्तदान नहीं कर सकेंगे। पल्स रेट 60-100 के बीच होना जरूरी।
प्रसूता महिलाओं के लिए रक्तदान : महिलाएं प्रसव के 12 माह तक, गर्भपात के छह माह तक और ब्रेस्ड फीडिंग करवाने के दौरान ब्लड डोनेट नहीं कर सकतीं। माइनर सर्जरी के 6 माह बाद और जिन्हें खून चढ़ा हो, वह एक वर्ष बाद ही रक्तदान कर सकता है।
हैपेटाइटिस : जिसके घर हैपेटाइटिस का मरीज हो वह 12 माह तक नहीं दे सकता रक्त। मलेरिया ठीक होने के तीन माह, डेंगू-कनगुनिया के छह माह और जीका वायरस से ठीक होने के चार माह बाद रक्तदान संभव।
इनके रक्तदान पर होगी पाबंदी : इंसुलिन लेने वाले, ब्लीडिंग डिस्ऑर्डर, एचआईवी पॉजिटिव का पार्टनर, अस्थमा मरीज, चेस्ट पेन और सांस फूलने की स्थिति में, जिन्हें कभी हार्ट अटैक हुआ हो, जिनकी ओपन हार्ट सर्जरी हुई हो, कैंसर की सर्जरी हुई हो, कुष्ठ रोगी, दिल की बीमारी की दवा ले रहे मरीजों के रक्तदान पर पाबंदी होगी।