arvind kejriwal news : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के एलान के बाद दिल्ली की सियासत गरमा गई। भाजपा ने दावा किया कि किस विवशता के चलते पार्टी को इस्तीफे की जरूरत पड़ी। पार्टी ने कहा कि देश और दिल्ली की जनता 48 घंटे का राज जानना चाहती है।
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भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने सवाल किया कि केजरीवाल भ्रम और झूठ का प्रचार कर रहे हैं। उन्होंने भगत सिंह का अपमान किया। उन्होंने जेल से सरकार चलाई। यह नैतिकता की निम्नता की नई परिभाषा है। उनका आचरण और व्यवहार संदेह के घेरे में।
त्रिवेदी ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल गए। उन्होंने अपने ही बनाए नियमों को तोड़ा। जेल से बाहर आकर इस्तीफे की बात क्यों? उन्होंने इस्तीफा देने में 48 घंटे का वक्त क्यों लिया? अब जब केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया है तो यह उनके आरोपों की स्वीकारोक्ति है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे दिन बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि मैं आपकी अदालत में आया हूं। अगर आपको लगता है कि मैं ईमानदार हूं तो मुझे वोट देना, अगर आपको लगता है कि मैं बेईमान हूं तो मुझे वोट मत देना।
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केजरीवाल ने कहा कि जब तक चुनाव नहीं होते कोई ओर नेता मुख्यमंत्री पद संभालेगा। मनीष सिसोदिया का भी ऐसा ही मानना है। हम दोनों जनता के बीच जाएंगे, अगर जनता कहेंगी तो ही पद संभालेंगे। AAP विधायक दल की बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम का एलान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब तक लोग उन्हें ईमानदारी का प्रमाणपत्र नहीं दे देते, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे। आबकारी नीति से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में शुक्रवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए केजरीवाल ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तभी बैठूंगा, जब लोग मुझे ईमानदारी का प्रमाणपत्र देंगे। जेल से बाहर आने के बाद अग्निपरीक्षा देना चाहता हूं। मैं मुख्यमंत्री और सिसोदिया उपमुख्यमंत्री तभी बनेंगे, जब लोग कहेंगे कि हम ईमानदार हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta