Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भाजपा के एक और सांसद के बगावती तेवर, लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी

हमें फॉलो करें भाजपा के एक और सांसद के बगावती तेवर, लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी
, शनिवार, 7 अप्रैल 2018 (12:34 IST)
नई दिल्ली। अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट में बदलाव को लेकर चल रहे विवाद के बीच एक और दलित नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया कि उनकी सरकार में पिछले चार साल में दलितों के लिए एक भी काम नहीं हुआ। इस चिट्ठी में दलित नेता ने मोदी से एससी/एसटी एक्ट में कोर्ट के फैसले के खिलाफ पैरवी करने और दलित समाज के हितों को विशेष ध्यान रखते हुए बिल पास कराने की मांग भी की है।
 
उल्लेखनीय है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश के तीन दलित भापा सांसद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना करते हुए पत्र लिख चुके हैं। 
 
उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखते हुए आरक्षण को जीवन दायिनी हवा बताया। उन्होंने कहा इसके बिना भारत में दलित समाज और पिछड़े वर्ग का कोई अस्तित्व नहीं रह जाएगा। सांसद ने लिखा, मैं दलित समाज के जाटव समाज का एक सांसद हूं। आरक्षण के कारण ही मैं सांसद बन पाया हूं। जब मैं चुनकर आया था उसी समय मैंने स्वयं आपसे मिलकर प्रमोशन में आरक्षण हेतु बिल पास करवाने का अनुरोध किया था। समाज के विभिन्न संगठन दिन-रात इस तरह के अनुरोध करते हैं, लेकिन चार साल बीत जाने के बाद भी इस देश के करीब 30 करोड़ दलितों के हित के लिए आपकी सरकार ने एक भी काम नहीं किया।
 
अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट में बदलाव को लेकर भी सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने चिट्ठी में अपनी राय रखी। उन्होंने लिखा, कोर्ट में इस समाज का कोई प्रतिनित्व नहीं है, जिस वजह से कोर्ट हर समय हमारे विरुद्ध नए-नए निर्णय देकर हमारे अधिकारों को खत्म कर रहा है। इस देश की 70 प्रतिशत संपत्ति एक प्रतिशत लोगों के पास है जो सरकार का संरक्षण प्राप्त करते हैं और 25 प्रतिशत आबादी पर शायद आधा प्रतिशत भी देश की संपत्ति न हो। ये समाज सरकार की अच्छी नीति के बगैर तरक्की नहीं कर सकता।
 
सांसद ने अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी को उनका भाषण याद दिलाते हुए आरक्षण बिल पास करवाने के गुहार लगाई। उन्होंने लिखा, हम जब सांसद चुनकर आए थे तो आपका भाषण सुना था, जिसमें आपने कहा था कि ये सरकार गरीबों, दलितों, वंचितों की सरकार है। ये सुन हमारा दिल खुश हो गया था। आज की स्थिति में हम भाजपा के दलित सांसद अपने समाज की रोज-रोज की प्रताड़ना के शिकार हैं। कृपया दलित समाज के हितों का विशेष ध्यान रखते हुए आरक्षण बिल पास कराएं। बैकलॉग की भर्तियां निकलवाएं, उन्हें भरवाएं और प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण लागू कराए तथा एससी/एसटी एक्ट में कोर्ट के फैसले के खिलाफ पैरवी करके इस निर्णय को पलटवाएं।
 
हालांकि पिछले चार साल में जितनी भी योजनाएं बनी या लागू की गई है वे सभी गरीबों, दलितों और वंचितों के लिए ही है, चाहे वह जनधन योजना हो, उज्जवला गैस योजना हो, प्रधानमंत्री आवास योजना हो, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना हो, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजनाएं, सोशल सिक्योरिटी स्कीम, मुस्लिम लड़कियों के लिए शादी शगुन योजना, मछुआरों के लिए मुद्रा लोन योजना, राष्ट्रीय आदिवासी विकास योजना, प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना, ‘डॉक्टर अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटिग्रेशन थ्रू इंटर कास्ट मैरिज’,  बैंचर कैपिटल योजना, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, दीन दयाल उपाध्‍याय ग्राम ज्‍योति योजना, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, सांसद आदर्श ग्राम योजना आदि अनेक योजनाएं हैं। 
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले चार साल में गरीब, पिछड़ों और दलितों के कल्याण और भलाई के लिए जितने काम किए हैं वो पिछले 70 साल में नहीं हुए। मोदी सरकार बनने के बाद से देश में गरीबों के उत्थान के लिए काफी कुछ किया गया है। सरकार की हर योजना दलित, गरीबों, शोषितों और समाज के निचले तबके को समर्पित है। लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में दलितों को भड़काने की राजनीति का प्रचलन हो चला है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

76 के हुए जीतेन्द्र... हेमा मालिनी से क्यों नहीं हुई शादी?