Bihar News : बिहार में विपक्षी भाजपा के एक नेता की बृहस्पतिवार को नीतीश कुमार सरकार के खिलाफ विधानसभा मार्च में हिस्सा लेने के दौरान मौत हो, गई जिसके बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज उनकी मौत हुई है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पार्टी के जहानाबाद जिले के महासचिव विजय कुमार सिंह की मृत्यु एक आहुति है। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके अलावा राज्य के छात्रों एवं युवाओं को अपनी आवाज देते हुए हजारों भाजपा कार्यकर्ता घायल हुए हैं, जिनमें से कुछ गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों में कई महिलाएं, संसद और राज्य विधानमंडल के सदस्य शामिल हैं।
मौत के लिए नीतीश सरकार जिम्मेदार : उजियारपुर लोकसभा सीट से संसद सदस्य राय ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा कार्यकर्ता की मौत की जिम्मेदार बर्बर नीतीश-तेजस्वी सरकार। युवाओं, महिलाओं, किसानों के अधिकारों के लिए बिहार की बर्बर नीतीश-तेजस्वी सरकार के खिलाफ संघर्ष करते हुए भाजपा के जहानाबाद के महामंत्री विजय सिंह ने अपनी आहुति दे दी।
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल (पीएमसीएच) अधीक्षक आईएस ठाकुर ने कहा कि सिंह को अचेत अवस्था में उनके अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया जहां उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
क्या कहा प्रशासन ने : इससे पहले पटना जिला प्रशासन ने कहा कि जहानाबाद के रहने वाले एक व्यक्ति विजय सिंह छज्जू बाग में सड़क किनारे अचेत अवस्था में पाए गए थे। शरीर पर कोई चोट का निशान नहीं है। उन्हें पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। विस्तृत विवरण प्राप्त किया जा रहा है।
पटना मेडिकल कालेज एवं अस्पताला (पीएमसीएच) के अधीक्षक ने भी कहा कि सिंह के शरीर पर बाहरी चोट के कोई निशान नहीं थे। राज्य सरकार की शिक्षक भर्ती नीति के खिलाफ आंदोलन के समर्थन में आयोजित विधानसभा मार्च ऐतिहासिक गांधी मैदान से शुरू हुआ जिसे विधानसभा परिसर से कुछ किलोमीटर दूर रोक दिया गया था।
राज्य की राजधानी में डाक बंगला चौराहे पर लगाए गए बैरिकेड को पार करने की कोशिश करने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और रेनू देवी जैसे वरिष्ठ नेताओं सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने घेर लिया और एक पुलिस थाने में ले जाया गया।
पुलिस ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग के अलावा आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारों का भी सहारा लिया। महाराजगंज से लोकसभा सदस्य जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने पत्रकारों को अपने सिर पर जख्म के निशान दिखाये और स्थानीय भाषा में कहा, कपार फोड़ दिया। (मेरे सिर पर चोट लगी है और रक्तस्राव हो रहा है।)
हालांकि सत्तारूढ़ राजद ने एक बयान जारी कर भाजपा नेताओं का फोटो खिंचवाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मज़ाक उड़ाया और आरोप लगाया कि उनमें से कई ने पुलिसकर्मियों पर मिर्च पाउडर और कंकड़ फेंके थे।
क्यों निशाने पर तेजस्वी : राजद नेता एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भाजपा द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो उन पर 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए 10 लाख नौकरियों के वादे से पीछे हटने का आरोप लगा रही है। इसके अलावा भगवा पार्टी नौकरियों के लिए भूमि घोटाले में ताजा सीबीआई आरोप पत्र के बाद युवा राजद नेता के इस्तीफे की भी मांग कर रही है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने जुलूस के दौरान की गई कथित पुलिस बर्बरता के विरोध में दोपहर के भोजन के बाद विधानसभा परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि मैं पुलिस से विनती करता रहा कि मुझे अनुपूरक बजट पर बहस में भाग लेने की अनुमति दी जाए। लेकिन मुझे बहुत देर से छोड़ा गया। यह सरकार अब लाठी-गोली का सहारा ले रही है।
विधानसभा के अध्यक्ष रह चुके सिन्हा ने कहा कि राज्यपाल विधायिका के संरक्षक है। हमें अब उनके संरक्षण की जरूरत है। राज्य में सरकार अब हमारी आवाज को बलपूर्वक कुचलने की कोशिश कर रही है जिसे हम लोगों के समर्थन में उठाने के लिए बाध्य हैं।
इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट किया कि बिहार पुलिस द्वारा पटना, जहानाबाद जिले में गिरफ्तार किए गए जी एस विजय कुमार सिंह की पुलिस द्वारा क्रूरतापूर्वक किए गए लाठीचार्ज में मौत हो गई।
पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर दावा किया कि पटना में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज राज्य सरकार की विफलता और आक्रोश का नतीजा है। उन्होंने कहा कि बिहार की महागठबंधन सरकार भ्रष्टाचार के अपने गढ़ को बचाने के लिए लोकतंत्र पर हमला कर रही है। एक ऐसे व्यक्ति को बचाने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री अपनी नैतिकता को भी भूल गए हैं, जिसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल है। (भाषा)