नई दिल्ली। देश की बड़ी मजदूर यूनियनों ने बुधवार को सरकार की जन- विरोधी नीतियों के खिलाफ भारत बंद का आह्वान किया है। करीब 25 करोड़ लोगों के हड़ताल पर रहने की संभावना है। बैंकिंग, ट्रांसपर्ट समेत कई सेवाएं इससे प्रभावित हो सकती है।
इंटक, एटक, सिटू, हिंद मजदूर सभा, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, आईआईसीसीटीयू, एलपीएफ, यूटीयूसी जैसे दस मुख्य मजदूर संगठनों ने हड़ताल का आह्वान किया है। इनके अलावा विभिन्न स्वतंत्र फेडरेशनों और एसोसिएशनों ने भी इस हड़ताल का समर्थन किया है।
बैंक कर्मचारियों के संगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आइ्रएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करने का फैसला किया।
कई बैंकों ने पहले ही शेयर बाजारों को इस बंद और इससे बैंकिंग सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में अवगत करा दिया है। हड़ताल की वजह से इससे सरकारी बैंकों में जमा राशि स्वीकार अथवा निकासी करने, चेक क्लियरेंस और दूसरी सेवायें प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि, निजी क्षेत्र के बैंकों पर हड़ताल का असर नहीं पड़ने की संभावना है।
हड़ताल की वजह से एटीएम सेवाओं पर बुरा असर पड़ सकता है। बैंकिंग के अलावा परिवहन और अन्य मुख्य सेवाओं पर भी हड़ताल का असर हो सकता है।