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भगवान राम ने दिया था 'हम 2 –हमारे 2' का संदेश, जनसंख्या नियंत्रण पर PMO में प्रेजेंटेशन देने वाले अश्विनी उपाध्याय बोले

हमें फॉलो करें भगवान राम ने दिया था 'हम 2 –हमारे 2' का संदेश, जनसंख्या नियंत्रण पर PMO में प्रेजेंटेशन देने वाले अश्विनी उपाध्याय बोले

विकास सिंह

, शनिवार, 17 अगस्त 2019 (09:57 IST)
जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने के लिए लगता हैं कि अब खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी कमान अपने हाथों में ले ली है। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाने वाले वकील और भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय शुक्रवार को पीएमओ पहुंचे और जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन दिया।

भगवान राम ने दिया 'हम दो–हमारे दो' का संदेश – वेबदुनिया से बातचीत में अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि हजारों साल पहले भगवान राम ने हम दो-हमारे दो का संदेश दिया था। इसका जिक्र रामचरित मानस में भी है जहां आम जनता को संदेश देने के लिए लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न सहित स्वयं भगवान राम ने 'हम दो-हमारे दो' नियम का पालन किया था, जबकि उस समय जनसंख्या विस्फोट की समस्या इतनी खतरनाक नहीं थी।
 
कौन कर रहा है जनसंख्या विस्फोट : भाजपा नेता ने अपने प्रजेंटेशन में कहा कि आज टैक्स देने वाले 'हम दो-हमारे दो' नियम का पालन करते हैं लेकिन मुफ्त में रोटी कपड़ा मकान और अन्य सरकारी लाभ लेने वाले जनसंंख्या विस्फोट कर रहे हैं।
 
पीएमओ में प्रेजेटेंशन देने के बाद वेबदुनिया से खास बातचीत अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि उनको लगता है कि जनसंख्या नियंत्रण को सरकार ने कानून बनाने का मन बना लिया है क्योंकि प्रधानमंत्री जब कोई बात लालकिले की प्राचीर से कहते हैं तो उसके लिए पूरी तैयारी पहले से ही हो चुकी होती है।
 
वह पीएम कि पिछले पांच साल के संबोधन का जिक्र करते हुए कहते हैं कि चाहे बात स्वच्छता अभियान की हो या सबको मकान या बिजली की प्रधानमंत्री ने जो भी पीएम ने कहा कि उसको पूरा किया। अब जब प्रधानमंत्री ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बात की है तो जल्द ही इस कानून भी बनेगा। वेबदुनिया से बातचीत में अश्विनी कहते हैं कि भारत में आज चीन की तहर कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून की जरुरत है।
 
चीन से अधिक भारत की जनसंख्या – अश्विनी उपाध्याय कहते हैं कि आज भारत की जनसंख्या चीन से अधिक हो गई है। वह कहते हैं कि वर्तमान समय में 124 करोड़ भारतीयों के पास आधार है, लगभग 20% नागरिक (विशेष रूप से बच्चे) बिना आधार के हैं तथा 5 करोड़ बंगलादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिये अवैध रूप से भारत में रहते हैं।
 
इससे स्पष्ट हैं कि हमारे देश की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं बल्कि 150 करोड़ से ज्यादा है और हम चीन से आगे निकल चुके हैं। इसके ठीक उलट अगर यदि संसाधनों की बात करें तो हमारे पास कृषि योग्य भूमि दुनिया की लगभग 2% और पीने योग्य पानी 4% है लेकिन जनसंख्या 20% है। यदि चीन से तुलना करें तो क्षेत्रफल चीन का लगभग एक तिहाई है लेकिन जनसंख्या वृद्धि की दर चीन की तीन गुना है। चीन में प्रति मिनट 11 बच्चे और भारत में प्रति मिनट 33 बच्चे पैदा होते हैं।
 
50 फीसदी समस्याओं के पीछे जनसंख्या विस्फोट – पीएमओ को दिए अपने प्रजेंटेशन में वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने जनसंख्या विस्फोट को सभी समस्याओं की जड़ बताया। उन्होंने कहा कि जल जंगल जमीन की समस्या, रोटी कपड़ा मकान की समस्या, गरीबी बेरोजगारी भुखमरी और कुपोषण की समस्या तथा वायु जल और ध्वनि प्रदूषण की समस्या का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है।
 
चोरी डकैती झपटमारी घरेलू हिंसा तथा महिलाओं पर शारीरिक मानसिक अत्याचार ही नहीं बल्कि अलगाववाद, कट्टरवाद और पत्थरबाजी का मूल कारण भी जनसंख्या विस्फोट है। चोर डकैत झपटमार बलात्कारियों और भाड़े के हत्यारों पर सर्वे करने से पता चलता है कि 80% से अधिक अपराधी ऐसे हैं जिनके मां-बाप ने 'हम दो-हमारे दो' नियम का पालन नहीं किया। इससे स्पष्ट है कि भारत की 50% से अधिक समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है।
 
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अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में पिछड़ा भारत – जनसंख्या नियंत्रण के लिए कठोर कानून की मांग करने वाले अश्विनी उपाध्याय का कहना हैं कि अंतराष्ट्रीय रैंकिंग में भारत की दयनीय स्थिति का मुख्य कारण भी जनसंख्या विस्फोट है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 103वें स्थान पर, साक्षरता दर में 168वें स्थान पर, वर्ल्ड हैपिनेस इंडेक्स में 140वें स्थान पर, ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में 130वें स्थान पर, सोशल प्रोग्रेस इंडेक्स में 53वें स्थान पर, यूथ डेवलपमेंट इंडेक्स में 134वें स्थान पर, होमलेस इंडेक्स में 8वें स्थान पर, लिंग असमानता में 76वें स्थान पर, न्यूनतम वेतन में 64वें स्थान पर है।
 
इसके अलावा रोजगार दर में 42वें स्थान पर, क्वालिटी ऑफ लाइफ इंडेक्स में 43वें स्थान पर, फाइनेंसियल डेवलपमेंट इंडेक्स में 51वें स्थान पर, करप्शन परसेप्शन इंडेक्स में 78वें स्थान पर, रूल ऑफ लॉ इंडेक्स में 66वें स्थान पर, एनवायरनमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स में 177वें स्थान पर तथा पर कैपिटा जीडीपी में 139वें स्थान पर हैं। जमीन से पानी निकालने के मामले में हम दुनिया में पहले स्थान पर हैं, जबकि हमारे पास पीने योग्य पानी मात्र 4%है।
 
महिलाओं पर बढ़ रहे हैं अपराध – अश्विनी देश में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध के लिए भी जनसंख्या विस्फोट को जिम्मेदार मानते हैं। वह कहते हैं कि बेटी पैदा होने के बाद महिलाओं पर शारीरिक और मानसिक अत्याचार किया जाता है। कुछ लोग तो 3-4 बेटियां पैदा होने के बाद पहली पत्नी को छोड़ देते हैं और बेटे की चाह में दूसरा विवाह कर लेते हैं। बेटियों को बराबरी का दर्जा मिले, बेटियों का स्वास्थ्य ठीक रहे, बेटियां सम्मान सहित जिंदगी जीयें तथा बेटियां खूब पढ़ें और आगे बढ़ें, इसके लिए आगामी संसद सत्र में चीन की तर्ज पर एक प्रभावी और कठोर जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाना बहुत जरूरी है।
 
एक कठोर और प्रभावी जनसंख्या नियंत्रण कानून के बिना बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान तो सफल हो सकता है लेकिन विवाह के बाद बेटियों पर होने वाले शारीरिक मानसिक अत्याचार को नहीं रोका जा सकता है।
 
वेंकटचलैया आयोग की सिफारिश हो लागू – जनसंख्या विस्फोट को रोकने के लिए संविधान समीक्षा आयोग (वेंकटचलैया आयोग) ने संविधान में आर्टिकल47A जोड़ने और जनसँख्या नियंत्रण कानून बनाने का सुझाव दिया था जिसे आजतक लागू नहीं किया गया। वह कहते हैं कि अटल जी द्वारा बनाया गया संविधान समीक्षा आयोग भारत का सबसे प्रतिष्ठित आयोग है।
 
वेंकटचलैया आयोग ने 2 वर्ष तक कड़ी मेहनत और सभी सम्बंधित पक्षों से विस्तृत विचार-विमर्श के बाद 31 मार्च 2002 को अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौंपी था। इसी आयोग के सुझाव पर मनरेगा, राईट टू एजुकेशन, राईट टू इनफार्मेशन और राईट टू फूड जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए गए लेकिन जनसंख्या नियंत्रण कानून पर संसद में चर्चा भी नहीं हुई।
 
चीन की तरह बने कठोर कानून – भाजपा नेता ने पीएमओ को दिए अपने प्रेजेंटेशन में कहा कि भारत में भी चीन की तरह जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कठोर कानून बनना चाहिए। देश की 50% से ज्यादा समस्याओं का मूल कारण जनसंख्या विस्फोट है। जब तक 2 करोड़ बेघरों को घर दिया जायेगा तब तक 10 करोड़ बेघर और पैदा हो जायेंगे इसलिए एक नया कानून ड्राफ्ट करने में समय खराब करने की बजाय चीन के जनसंख्या नियंत्रण कानून में ही आवश्यक संशोधन कर उसे संसद में पेश करना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि कानून मजबूत और प्रभावी होना चाहिये और जो व्यक्ति इस कानून का उल्लंघन करे उसका राशन कार्ड, वोटर कार्ड, आधार कार्ड, बैंक खाता, बिजली कनेक्शन और मोबाइल कनेक्शन बंद होना चाहिए। इसके साथ ही जनसंख्या नियंत्रण कानून तोड़ने वालों पर सरकारी नौकरी और चुनाव लड़ने तथा राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने पर भी आजीवन प्रतिबंध होना चाहिए। ऐसे लोगों को सरकारी स्कूल हॉस्पिटल सहित अन्य सभी सरकारी सुविधाओं से वंचित करना चाहिये और 10 साल के लिए जेल भेजना चाहिए।

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