Balasore Train Accident Case : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने 2 जून के बालासोर रेल दुर्घटना मामले में कथित गैर इरादतन हत्या और सबूत नष्ट करने के सिलसिले में गिरफ्तार रेलवे के 3 अधिकारियों के खिलाफ शनिवार को आरोप पत्र दाखिल किया। दुर्घटना में 296 लोग मारे गए थे और 1200 से अधिक घायल हुए।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सीबीआई ने ओडिशा के बालासोर जिले में पदस्थ तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर आमिर खान और तकनीशियन पप्पू कुमार को इस रेल हादसे की जांच के सिलसिले में सात जुलाई को गिरफ्तार किया था। दुर्घटना में 296 लोग मारे गए थे और 1200 से अधिक घायल हुए।
यह दुर्घटना दो जून को उस वक्त हुई थी, जब कोरोमंडल एक्सप्रेस बालासोर जिले के बाहानगा बाजार स्टेशन पर एक खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई और पटरी से उतरे इसके कुछ डिब्बे बगल की पटरियों पर गिर गए तथा वहां से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस से टकरा गए।
भुवनेश्वर में विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष दाखिल अपने आरोप पत्र में जांच एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग-दो (गैर-इरादतन हत्या), धारा 201 (साक्ष्य का विलोपन), धारा 34 तथा रेलवे अधिनियम की धारा 153 (जानबूझकर की गई चूक से रेलयात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना) के तहत आरोप लगाए हैं।
सीबीआई ने आरोप लगाया कि आरोपी पर घटनास्थल बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के सिग्नल और दूरसंचार संपत्तियों के कुशल रखरखाव की सीधी जिम्मेदारी थी। अधिकारियों के अनुसार, सीबीआई ने आरोप लगाया है कि बाहानगा बाजार स्टेशन के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर 94 पर मरम्मत कार्य महंत द्वारा एलसी गेट नंबर 79 के सर्किट आरेख का उपयोग करके किया गया था।
उन्होंने कहा कि आरोपी का कर्तव्य यह सुनिश्चित करना था कि मौजूदा सिग्नल और इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन का परीक्षण, मरम्मत और बदलाव स्वीकृत योजना और निर्देशों के अनुसार हो, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। केंद्रीय जांच एजेंसी ने ओडिशा पुलिस से जांच अपने हाथ में ले ली थी।
एक उच्चस्तरीय रेलवे जांच में दुर्घटना का मुख्य कारण गलत सिग्नलिंग पाया गया था और सिग्नलिंग तथा दूरसंचार विभाग में कई स्तरों पर चूक को भी चिह्नित किया गया था, लेकिन संकेत दिया गया था कि यदि पिछले चेतावनी संकेतों की जानकारी दी जाती तो त्रासदी को टाला जा सकता था। रिपोर्ट में कहा गया है कि फील्ड पर्यवेक्षकों की एक टीम ने वायरिंग आरेख को संशोधित किया, लेकिन इसे दोहराने में विफल रही।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 16 मई, 2022 को दक्षिण पूर्व रेलवे के खड़गपुर डिवीजन के बांकरनयाबाज़ स्टेशन पर गलत वायरिंग और केबल की खराबी के कारण इसी तरह की घटना हुई थी। इसमें कहा गया है, अगर इस घटना के बाद गलत वायरिंग के मुद्दे को हल करने के लिए सुधारात्मक उपाय किए गए होते, तो बाहानगा बाजार में दुर्घटना नहीं होती।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)