बाबरी विवाद में न्यायालय के निर्णय का सम्मान होना चाहिए : दरगाह दीवान

Webdunia
शनिवार, 24 मार्च 2018 (18:33 IST)
अजमेर। अजमेर स्थित सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान ने बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि विवाद पर कहा कि धार्मिक कट्टरता से किसी विवाद का हल नहीं निकल सकता है इसलिए सभी धर्मों को न्यायालय के फैसले में विवाद का हल तलाशना चाहिए।

दीवान ने अजमेर में सूफी संत हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें सालाना उर्स के मौके पर देश की प्रमुख दरगाहों के सज्जादगान, प्रमुख धर्मगुरुओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस मसले को न्यायालय के बाहर तय करने के प्रयास कभी सफल नहीं हो सकते।

उन्होंने कहा कि वर्तमान धार्मिक राजनीतिक और सांस्कृतिक ताकतें अयोध्या मसले पर एक व्यवहारिक समाधान नहीं निकाल पा रही हैं जिससे देश के सभी धर्मों के अनुयायियों में इस विवाद को लेकर एक संशय का माहौल है, क्योंकि वर्तमान माहौल को देखते हुए सभी संप्रदाय के अधिकांश जागरूक नागरिक न्यायालय से बाहर किसी समाधान के लिए सहमत नहीं हो सकते हैं।

आबेदिन ने कहा कि आज की सभा में यह प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया जाना चाहिए कि राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद का हल निकालने के लिए न्यायालय के फैसले का इंतजार और सम्मान किया जाना चाहिए। (भाषा) 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

PAN 2.0 Project : अब बदल जाएगा आपका PAN कार्ड, QR कोड में होगी पूरी कुंडली

तेलंगाना सरकार ने ठुकराया अडाणी का 100 करोड़ का दान, जानिए क्या है पूरा मामला?

Indore : सावधान, सरकारी योजना, स्कीम और सब्सिडी के नाम पर खाली हो सकता है आपका खाता, इंदौर पुलिस की Cyber Advisory

क्‍या एकनाथ शिंदे छोड़ देंगे राजनीति, CM पर सस्पेंस के बीच शिवसेना UBT ने याद दिलाई प्रतिज्ञा

संभल विवाद के बीच भोपाल की जामा मस्जिद को लेकर दावा, BJP सांसद ने शिव मंदिर होने के दिए सबूत

सभी देखें

नवीनतम

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख
More