नई दिल्ली। अयोध्या विवाद पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टलने के बाद अब इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। इस मुद्दे पर सुनवाई की नई तारीख पर शीर्ष अदालत जनवरी में फैसला लेगी।
AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने इस मामले में केंद्र सरकार को अध्यादेश लाने की चुनौती दी है। दूसरी ओर ओवैसी ने कहा कि कोर्ट का निर्णय है और इसे हम सबको मानना पड़ेगा, जबकि भाजपा नेता विनय कटियार ने कांग्रेस के दबाव में काम होने का आरोप लगाया है। केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के सब्र टूटने वाले बयान पर ओवैसी ने कहा कि गिरिराज को ही अदालत में खड़ा कर देना चाहिए।
सांसद ओवैसी ने कहा कि देश संविधान के तहत चलेगा। परोक्ष रूप से मोदी पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर 56 इंच का सीना है तो अध्यादेश लाइए। किसको डरा रहे हैं, अध्यादेश लाएंगे तो फिर फटकार पड़ेगी।
गौरतलब है कि कोर्ट के निर्णय से पहले गिरिराज ने कहा था कि अब हिन्दुओं का सब्र टूट रहा है। मुझे भय है कि अगर हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा? वहीं, भाजपा नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने इस मामले पर चुप्पी साध ली, जबकि शिया वक्फ बोर्ड के चीफ वसीम रिजवी ने कहा कि कुछ कट्टरपंथी मुल्लाओं और कांग्रेस की सियासत के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट में फंसा है। भगवान अपने घर के लिए इंसानी अदालत के फैसले के इंतजार में हैं। यह शर्मनाक है।