जम्मू। लद्दाख के द्रास में सेना के शिविर पर गुरुवार को हिमस्खलन होने से एक जवान शहीद हो गया और अन्य कई घायल हो गए जबकि बर्फबारी व बारिश के कारण पिछले 4 दिनों से शेष भारत से कटकर रह गई कश्मीर घाटी में हवाई सेवाएं आंशिक तौर पर बहाल हो चुकी हैं। श्रीनगर एयरपोर्ट के रनवे से बर्फ हटा दी गई है जबकि दोपहर बाद विजिबिल्टी बेहतर होने पर एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया ने हवाई सेवाएं बहाल कर दीं।
आधिकारिक सूत्र ने बताया कि द्रास में मश्कोह घाटी पर सेना के शिविर में हिमस्खलन हुआ जिसके बाद तुरंत ही लापता सैनिकों को ढूंढने के लिए तलाशी एवं बचाव कार्य शुरू किया गया। इसमें एक जवान की मौत हो गई तथा आधा दर्जन जख्मी हो गए जिनकी दशा नाजुक बताई जा रही है।
दूसरी ओर हालांकि रामबन-बनिहाल के बीच हुए गत रात को हुए ताजा भूस्खलन की वजह से 295 किलोमीटर लंबा जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाइवे अभी भी बंद है। इसे पूरी तरह से सुचारू होने में अभी समय लगेगा। बुधवार-वीरवार की मध्यरात्रि को एक बार फिर जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर स्थित जिला रामबन में डिगडोल, बंदर मोड़, मौम्पासी, पथियाल और चंदरकोट में भूस्खलन हो गया।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार हाइवे को यातायात के लिए पूरी तरह से सुचारू बनाने में 2 दिन का समय और लग सकता है। इस पर भी अगर मौसम एक बार फिर खराब हो जाता है तो यह अवधि बढ़ भी सकती है। जम्मू-श्रीनगर हाइवे पर इस समय 7 हजार से अधिक वाहन फंसे हुए हैं।
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार ताजा भूस्खलन ने रामबन जिले में 5 स्थानों पर राजमार्ग को प्रभावित किया है। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी और बीआरओ की मशीनें हाइवे पर गिरे मलबे को हटाने का काम कर रहे हैं। अभी भी पहाड़ों से पत्थर गिरने का सिलसिला जारी है, जिसकी वजह से काम में देरी हो रही है।
उन्होंने बताया कि हाइवे रविवार को हुई बर्फबारी के बाद से ही बंद है। हाइवे बंद होने के कारण 7 हजार से अधिक वाहन लखनपुर, जम्मू, ऊधमपुर, रामबन, बनिहाल और कश्मीर की ओर जाने वाले विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं।