जम्मू। सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ अभियान में जो तेजी लाई, उसी का नतीजा है कि देर रात से आज गुरुवार सुबह तक के 12 घंटों के अरसे में उन्होंने 6 आतंकियों को ठोंक डाला है। इसके साथ ही इस साल अभी तक मरने वाले आतंकियों का आंकड़ा 192 हो चुका है। आज मारे गए 6 आतंकियों में से 2 पाकिस्तानी नागरिक भी थे। इस मुठभेड़ की चिंता वाली बात मुठभेड़ स्थल से मिलने वाली अमेरिकी स्नाइपर राइफल एम-4 भी है।
अधिकारियों ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम में रात से लेकर आज सुबह तक हुई 2 मुठभेड़ों में 2 पाकिस्तानी आतंकियों समेत 6 आतंकी मारे गए। इस दौरान 2 सैन्यकर्मियों समेत 3 सुरक्षाकर्मी भी घायल हो गए।
जानकारी के अनुसार रात करीब 9.15 बजे पुलिस ने सेना व केरिपुब के जवानों के साथ कुलगाम के मिरहामा में आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया। जवान जैसे ही आतंकियों के संदिग्ध ठिकाने की तरफ आगे बढ़े, वहां छिपे आतंकियों ने उन पर स्वचालित हथियारों से फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने खुद को बचाते हुए जवाबी फायर किया और करीब आधे घंटे बाद 1 आतंकी मारा गया।
इसके लगभग 15 मिनट तक कोई फायरिंग न होने पर जवानों ने जैसे ही आगे बढ़ने का प्रयास किया, वहां छिपे अन्य आतंकियों ने दोबारा गोलियां की बौछार करते हुए भागने का प्रयास किया। जवानों ने जवाबी फायर कर 2 और आतंकियों को वहीं पर ढेर दिया। देर रात 3 आतंकी मारे गए थे। इनमें 1 पाकिस्तानी और 2 स्थानीय हैं। इनसे 1 एम-4 कार्बाइन और 2 एके-47 राइफलें भी मिली हैं।
कुलगाम मुठभेड़ से करीब 3 घंटे पहले करीब 6.30 बजे जिला अनंतनाग के नौगाम, शाहबाद इलाके में पुलिस ने सेना की 19 आरआर और केरिपुब के जवानों के साथ आतंकियों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया। पुलिस को अपने तंत्र से गांव में 3 आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी। सुरक्षाबलों ने जैसे ही गांव में दाखिल होकर तलाशी शुरू की, एक जगह छिपे आतंकियों ने अपना ठिकाना छोड़ भागने का प्रयास किया।
उन्होंने तलाशी के लिए आगे बढ़ रहे जवानों पर पहले ग्रेनेड फेंका और फिर अपने स्वचालित हथियारों से फायरिंग की। इसमें 19 आरआर के 2 जवान रोहित यादव और ईशांत के अलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस का 1 जवान दीपक कुमार जख्मी हो गए। अन्य जवानों ने अपने घायल साथियों को अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए आतंकियों को मुठभेड़ में उलझा लिया। तीनों को उपचार लिए बादामी बाग स्थित सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मारे गए आतंकियों के पास से एक अमेरिकी एम-4 तथा एके सीरीज की 2 राइफलें मिली हैं। काफी समय बाद जैश आतंकी के पास से एम-4 राइफलें मिली हैं। इससे पहले 14 मार्च 2021 को शोपियां जिले के रावलपोरा इलाके में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में लश्कर आतंकी जहांगीर मारा गया था। उसके पास से सुरक्षाबलों ने एम-4 राइफल व कारतूस बरामद किए थे। बीते साल कुलगाम में हुई मुठभेड़ में मारे गए इमरान भाई नामक जैश के पाकिस्तानी आतंकी से 2 हथियार बरामद हुए थे जिनमें से 1 एम-4 राइफल थी।
जानकारी के लिए अमेरिकी सेना द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एम-4 राइफल आतंकियों का पसंदीदा हथियार है। पाकिस्तान इसे आतंकियों को उपलब्ध कराता है। वजन में हल्की होने के कारण यह लाने-ले जाने में आसान होती है। इससे आतंकी ज्यादा दूरी से वार कर सकते हैं, क्योंकि इसके ऊपर साइट लगी रहती है। इसकी बड़ी खासियत है कस्टमाइजेशन। इसमें कई सारी चीजें जोड़ी जा सकती हैं। दूर तक देखने के लिए टेलीस्कोप का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसकी मारक क्षमता करीब 600 मीटर होती है, साथ ही यह 950 गोलियां लगातार दाग सकती है।