नई दिल्ली। केरल, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु और पुड्डुचेरी में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे कई दिग्गजों के लिए निराशाजनक रहे और इनमें क्रिकेटर एस. श्रीसंत, अभिनेत्री रूपा गांगुली, फुटबॉल खिलाड़ी बाइचुंग भूटिया प्रमुख हैं।
क्रिकेटर श्रीसंत ने केरल के तिरुवनंतपुरम से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वहां कांग्रेस के वीएस शिवकुमार ने 46 हज़ार से भी ज्यादा वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की, वहीं श्रीसंत को करीब 34000 वोटों से ही संतुष्ट होना पड़ा।
हार के बाद श्रीसंत ने ट्वीट करते हुए समर्थकों को प्यार और सम्मान देने के लिए शुक्रिया अदा किया और कहा कि वे लोगों की सेवा करते रहेंगे। अभिनेत्री और अब बीजेपी नेता रूपा गांगुली हावड़ा उत्तर से चुनाव में खड़ी हुई थीं, लेकिन पूर्व क्रिकेटर और टीएमसी के नेता लक्ष्मी रतन शुक्ला के आगे वे नहीं टिक पाईं और उन्हें हार का सामना करना पड़ा। शुक्ला को 34,766 वोट मिले, वहीं गांगुली मात्र 11 हज़ार वोट ही जुटा पाईं। उनसे ज्यादा 17,706 वोट कांग्रेस के संतोष कुमार पाठक को मिले।
सिलीगुड़ी से तृणमूल कांग्रेस की ओर से चुनाव में खड़े हुए फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को माकपा के अशोक भट्टाचार्य से हार का सामना करना पड़ा। पिछले चुनाव में इस सीट पर तृणमूल कांग्रेस का ही कब्ज़ा था। बाइचुंग कुल मिलाकर करीब 4 हज़ार वोट ही अपनी पार्टी के लिए जुटा पाए।
हार के बाद भूटिया ने कहा है कि वे जनादेश को स्वीकार करते हैं और अपनी गलती की समीक्षा करेंगे। गौरतलब है कि भूटिया ने दार्जीलिंग से तृणमूल कांग्रेस की तरफ से लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वहां भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
केरल के त्रिशूर से कांग्रेस प्रत्याशी पद्मजा वेणुगोपाल को भी हार का सामना करना पड़ा। इस क्षेत्र में वीएस सुनीलकुमार ने 33 हज़ार से ज्यादा वोट हासिल किए और भाकपा ने इस सीट पर कब्ज़ा जमा लिया, वहीं पद्मजा 29 हज़ार वोट ही जुटा पाईं। पद्मजा के लिए त्रिशूर काफी अहम था क्योंकि उनके दिवंगत पिता और कांग्रेस के दिग्गज नेता के करुणाकरण ने यहीं से अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी।
केरल से ही कुम्मनम राजशेखरन को आरएसएस से जुड़ा लोकप्रिय नेता माना जाता है। चुनाव में उन्हें वट्टियूकाई सीट पर के मुरलीधर के हाथों 18 हजार मतों से हार का सामना करना पड़ा ।
पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष जगमोहन डालमिया की बेटी वैशाली हालांकि तृणमूल के टिकट पर हावड़ा की बाली विधानसभा सीट पर जीत गईं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी माकपा के सौमेंद्रनाथ बेरा को 15403 मतों से पराजित किया। (भाषा)