गुवाहाटी। कारगिल युद्ध में सक्रिय भूमिका निभा चुके मोहम्मद सनाउल्लाह को असम पुलिस ने इस आधार पर हिरासत में ले लिया था कि वे विदेशी नागरिक हैं। दरअसल, सनाउल्ला का नाम NRC सूची में शामिल नहीं था।
करीब 30 साल तक भारतीय सेना में सेवा दे चुके सनाउल्लाह (52) को इस आधार पर विदेशी घोषित कर दिया गया कि उनका नाम एनआरसी लिस्ट में नहीं था। उन्हें मई में हिरासत में लिया था। हालांकि हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई। सनाउल्ला ने जमानत के लिए हाईकोर्ट को धन्यवाद कहा है।
उन्होंने कहा कि मैं भारतीय हूं और हमेशा भारतीय ही रहूंगा। सनाउल्लाह 1983 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 30 साल की सर्विस के बाद लेफ्टिनेंट की मानद पोस्ट से रिटायर हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे दो बार जम्मू-कश्मीर और एक बार इम्फाल में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने भरोसा जताया कि उन्हें न्याय मिलेगा।
इस बीच हाईकोर्ट ने केन्द्र सरकार और एनआरसी अथॉरिटी को नोटिस जारी किया है। सनाउल्लाह के वकील का कहना है कि अगली सुनवाई में करीब 2 महीने का वक्त लग सकता है।
सनाउल्लाह ने कहा कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि मुझे विदेशी घोषित कर दिया जाएगा। डिटेंशन सेंटर के हालातों के बारे में उन्होंने कहा कि कुछ लोग तो वहां 10 वर्षों से हैं। कुछ तो बहुत बूढ़े हो गए हैं। यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उनमें से बहुतों की कहानी मेरे जैसी ही है। उन लोगों के लए कुछ किया जाना चाहिए।