असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की अंतिम लिस्ट जारी की गई है। 19 लाख 6 हजार 657 लोग इस लिस्ट में शामिल नहीं हुए हैं। सूची में 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोग में शामिल हो गए हैं।
इन लोगों को भारत का नागरिक मान लिया गया है। लिस्ट जारी होने से किसी भी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लागू कर दी थी। गृह मंत्रालय ने फाइनल लिस्ट को जारी किया है।
31 अगस्त 2015 तक 3 करोड़ 30 लाख लोगों राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के लिए आवेदन किया था। लिस्ट से बाहर लोग 120 दिन के अंदर फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) में अपील कर सकते हैं। एफटी दस्तावेजों की जांच करेगा, अगर इसके बाद भी वे उन्हें शामिल नहीं किया जाता तो हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट में जा सकते हैं।
लिस्ट जारी होने से पहले मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों को भरोसा दिलाया था कि किसी को डरने की आवश्यकता नहीं है। सिर्फ NRC में नाम नहीं होने के कारण किसी को विदेशी या बाहरी नहीं मान लिया जाएगा। इसका फैसला समुचित कानूनी प्रक्रिया के बाद सिर्फ फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल (एफटी) लेगा। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील के लिए भी सरकार उनकी मदद करेगी।
क्या कहते हैं एनआरसी समन्वयक : राज्य समन्वयक प्रतीक हजेला ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल होने के लिए कुल 3,11,21,004 लोगों को योग्य पाया गया जबकि अपनी नागरिकता के संबंध में आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत न कर पाने वाले 19,06,657 लोगों को इस सूची से बाहर रखा गया है।
राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की पहली सूची 31 दिसंबर 2017 को तैयार हुई थी, जिसे 30 जुलाई 2018 को प्रकाशित किया गया था। इस सूची में 2,89,83,677 लोगों को शामिल किया गया था। इसके अलावा 26 जून 2019 को एक अतिरिक्त सूची जारी की गई थी जिसमें 1,02,462 लोगों को बाहर रखा गया था।
एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था। एनआरसी समन्वयक ने कहा कि अंतिम सूची के जारी होने के बाद असंतुष्ट लोग संबंधित न्यायाधीकरण में अपील कर सकते हैं।