Odisha Train Accident : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ओडिशा के बालासोर जिले में ट्रेन हादसे की असल वजह की पहचान कर ली गई है। हादसे की वजह रेलवे सिग्नल के लिए अहम प्वाइंट मशीन और इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से संबंधित है। हादसे से प्रभावित हुई पटरियों की सामान्य सेवाओं के लिए बुधवार तक मरम्मत किए जाने की उम्मीद है।
उन्होंने इस घटना का कवच प्रणाली से कोई संबंध होने से इनकार किया। रेलवे अपने नेटवर्क में कवच प्रणाली उपलब्ध कराने की प्रक्रिया में है, ताकि रेलगाड़ियों के आपस में टकराने से होने वाले हादसों को रोका जा सके।
गौरतलब है कि बालासोर में बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार शाम करीब सात बजे कोरोमंडल एक्सप्रेस मुख्य लाइन के बजाय लूप लाइन में प्रवेश करने के बाद वहां खड़ी एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। इस हादसे की चपेट में बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस भी आ गई थी। इस दुर्घटना में कम से कम 288 लोगों की मौत हुई है और 1,100 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
रेल मंत्री ने कहा कि दुर्घटना की जांच पूरी कर ली गई है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जैसे ही अपनी रिपोर्ट देंगे तो सभी जानकारियां पता चलेंगी।
वैष्णव ने यह भी कहा कि रेल दुर्घटना के करीब 300 पीड़ितों को मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमने सोरो हॉस्पिटल में मरीजों और चिकित्सकों से मुलाकात की। हैदराबाद, चेन्नई, बेंगलुरु, रांची, कोलकाता तथा अन्य स्थानों से विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं ताकि मरीज इलाज के बाद घर लौट सकें।
दुर्घटनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में वैष्णव ने कहा कि मरम्मत का काम युद्धस्तर पर किया जा रहा है और एक मुख्य लाइन पर पटरियां पहले ही बिछाई जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि प्वाइंट मशीन की सेटिंग में बदलाव किया गया है। कैसे और क्यों यह किया गया, इसका खुलासा जांच रिपोर्ट में किया जाएगा।
इलेक्ट्रिक प्वाइंट मशीन त्वरित संचालन और प्वाइंट स्विच को लॉक करने के लिए रेलवे सिग्नल का महत्वपूर्ण उपकरण है तथा वह रेलगाड़ियों के सुरक्षित परिचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन मशीनों के काम न करने के कारण ट्रेन संचालन पर गंभीर असर पड़ता है और इन्हें लगाने के वक्त विसंगतियों से असुरक्षित स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं।