Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, अगले तीन महीनों में और बढ़ेगी जीडीपी

हमें फॉलो करें वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, अगले तीन महीनों में और बढ़ेगी जीडीपी
, गुरुवार, 30 नवंबर 2017 (21:36 IST)
नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज कहा कि वृहद आर्थिक बुनियादी कारकों में सुधारों से भारत 7 से 8 प्रतिशत वृद्धि के दायरे में पहुंच गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश को मध्यम आय की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें अगले दो दशकों के दौरान बुनियादी ढांचे में भारी निवेश करना होगा। 
 
उन्होंने कहा, इतिहास में पहली बार पिछले तीन साल के दौरान भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि पहले हम मध्यम आय अर्थव्यवस्था बनेंगे और उसके बाद विकसित अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। हमने खुद के लिए ऐसी आर्थिक रूपरेखा तैयार की है। 
 
यहां पांचवें वार्षिक रक्षा संपदा दिवस व्याखान में जेटली ने कहा, यदि हमें यह हासिल करना है तो देश को अगले दो दशक में अपने बुनियादी ढांचे का उन्नयन करना होगा। हमें काफी निवेश की जरूरत होगी। साथ ही हमें काफी खर्च भी करना होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अपर्याप्त बुनियादी ढांचा वृद्धि की राह की सबसे बड़ी अड़चन है। सरकार इस क्षेत्र के विकास के लिए लगातार आवंटन बढ़ा रही है।
 
उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र को अगले पांच साल के दौरान 50 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत पड़ेगी। भारत ने 2007 से 2017 के दौरान बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर 60 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
 
हाल के समय में सरकार ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर खर्च बढ़ाया है। वित्त मंत्री ने कहा कि बजट 2017-18 में बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए 3.96 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि वृद्धि के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश जरूरी है और इससे राष्ट्र की उत्पादन क्षमता बढ़ती है। इससे अधिक रोजगार पैदा होता है और लोग आर्थिक रूप से समृद्ध होते हैं। 
 
वित्त मंत्री ने कहा, भारत के लिए 7 से 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि सामान्य बात हो गई है। यदि इसमें सुस्ती आती है तो यह 7 प्रतिशत के आसपास रहती है और यदि इसकी रफ्तार बढ़ती है तो यह 8 प्रतिशत के आसपास तक पहुंच जाती है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लिहाज से यह 2,500 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के करीब है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गई है। 
 
उन्होंने कहा कि भारत दो अंकीय मुद्रास्फीति के पुराने दौर से आगे निकल चुका है। जेटली ने कहा, हमने सांविधिक रूप से चार प्रतिशत का लक्ष्य तय किया है। हमने अपने चालू खाते के घाटे को नियंत्रण में रखा है। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने राजकोषीय घाटे को नीचे लाने की दृष्टि से बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जेटली ने कहा, इन सब चीजों से भारत एक ऐसी स्थिति के नजदीक पहुंच रहा है जहां देश जो कमाता है उसे खर्च कर सकता है और कुछ हद तक कर्ज कम लेने की जरूरत पड़ती है। 
 
वित्त मंत्री जेटली ने कहा, भारत में एक बड़ी चुनौती जो अभी कायम है और उसकी वजह से हमें विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने में मुश्किलें आ रही है, और वह यह कि हमारा समाज मोटे तौर पर कर अनुपालन में पीछे रहने वाला समाज है। उन्होंने कहा कि गैर- कर अनुपालन वाले समाज का प्रभाव कई क्षेत्रों में दिखाई देता है।
 
उन्होंने कहा, सरकार का एक प्रयास कर प्रणाली को अनुपालन वाला बनाने का है। इससे सुरक्षा, बुनियादी ढांचा विकास और गरीबी उन्मूलन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर खर्च करने के लिए संसाधन जुटाने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि एक बात हमेशा ध्यान रखनी होगी बुनियादी ढांचा तभी बनता है, जब प्रयोगकर्ता भुगतान करता है।
 
उन्होंने हवाई अड्डे की सफलता का उदाहरण दिया। हवाई टिकट में प्रयोगकर्ता शुल्क पहले से लगा होता है। नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान दिए जाने के बारे में जेटली ने कहा कि 250 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं पर अभी काम चल रहा है। हम हर साल 10,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों के कार्य का आवंटन करने की प्रक्रिया में हैं। इसी वजह से एक सामूहिक कार्यक्रम भारतमाला सामने आया है।
 
अगले कुछ साल में भारतमाला परियोजना में 5.35 लाख करोड़ रुपए का निवेश होगा। हवाई संपर्क के बारे में जेटली ने कहा कि सरकार उड़ान के तहत क्षेत्रीय संपर्क सुधारने के लिए 35 से 50 नए हवाई अड्डों का विकास कर रही है। एक घंटे की उड़ान के लिए यात्रियों को 2,500 रुपए देने होंगे। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दुनिया के इन देशों ने बिटकॉइन को कहा ना