हैदराबाद। चीन के साथ चल रहे डोकलाम विवाद के बीच रक्षामंत्री अरुण जेटली ने रविवार को नौसेना को एक मिसाइल सौंपी। इस दौरान जेटली ने कहा कि भारत की भौगोलिक स्थिति और सामने मौजूद 'कई खतरों' के मद्देनजर खुद की रक्षा करने के लिए देश को हमेशा तैयार रहना होता है और यही हमारा सबसे बेहतर बचाव है।
जेटली ने जरूरी साजो-सामान से सुरक्षा बलों को लैस करने की जरूरत भी रेखांकित की। उन्होंने कहा कि मौजूदा भू-राजनीतिक स्थिति में हम ऐसी जगह स्थित हैं, जहां हमारे सामने कई खतरे हैं और उन खतरों का सामना करने के लिए हमारी तैयारी ही सबसे बेहतर बचाव है। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जिसे हम इसके दायरे में नहीं रखें।
रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे जेटली ने कहा कि समूचे देश को सशस्त्र बलों में विश्वास है, जो दुनिया की कुछ बेहतरीन परंपराओं में से एक का प्रतिनिधित्व करते हैं। अपनी तैयारियों के हिस्से के तौर पर हमें अपने सुरक्षा बलों को सभी जरूरी साजो-सामान से लैस करने की जरूरत है।
जेटली यहां जमीन से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की एक मिसाइल को भारतीय नौसेना को सौंपने के लिए आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए थे। भारतीय प्रतिभा की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि स्थानीय मानव संसाधन अब इतने काबिल हैं कि वे कम कीमत पर अन्य विकसित अर्थव्यवस्थाओं को सेवाओं की पेशकश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि विकसित दुनिया में शायद ही कोई ऐसा देश है, जहां भारत की प्रतिभाएं नहीं दिखती हों, चाहे यह चिकित्सा का क्षेत्र हो या फिर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का, लिहाजा हमारे पास न सिर्फ मानव संसाधन का बड़ा समूह है बल्कि हमारे पास अतिरिक्त संसाधन हैं, जो अन्य देशों में भी सेवाएं देते हैं। रक्षामंत्री ने कहा कि दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारत के संसाधन बहुत प्रतिस्पर्धी कीमत पर उपलब्ध हैं। (एजेंसी)