नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल की अटकलों के बीच रक्षा मंत्री अरूण जेटली ने आज कहा कि उन्हें लगता है कि वह लंबे समय तक इस जिम्मेदारी को नहीं संभालेंगे।
वित्त मंत्रालय के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाल रहे जेटली ने हालांकि साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि किस विभाग में कितने समय रहना है यह निर्णय करना उनकी जिम्मेदारी नहीं है।
एक कार्यक्रम में यह पूछे जाने पर कि क्या वह रक्षा मंत्री बने रहेंगे जेटली ने कहा, 'मुझे लगता है कि लंबे समय तक नहीं और वैसे भी इसका निर्णय मुझे नहीं लेना है।'
मनोहर पर्रिकर ने गोवा का मुख्यमंत्री चुने जाने के मद्देनजर गत मार्च में रक्षा मंत्री के तौर पर इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद जेटली को रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया।
मोदी सरकार के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद भी उन्हें वित्त मंत्रालय के साथ साथ रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वह नवम्बर 2014 तक देश के रक्षा मंत्री रहे।
एक अन्य सवाल के जवाब में जेटली ने कहा कि सेना अपनी लड़ाकू क्षमता बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सेना के लिए गोला बारूद का भंडार निर्धारित स्तर तक ले जाना भी प्राथमिकता है। (वार्ता)