नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा कि बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक का सीमा पार इतना कड़ा संदेश गया है कि भले ही वहां आतंकवादी शिविर फिर से सक्रिय हो रहे हैं, लेकिन किसी भी नापाक हरकत को अंजाम देने से पहले आतंकवादी और उनके आका 100 बार सोचेंगे।
नवनियुक्त सेना प्रमुख ने शुक्रवार को खास बातचीत में जोर देकर कहा कि जम्मू और कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद शांति स्थापित हुई है और पत्थर फेंकने तथा अन्य आतंकवादी गतिविधियों में कमी आई है। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में स्थिति और सुधरेगी।
पाकिस्तान और चीन की सीमाओं पर सेना के विशेष फोकस पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि सीमाओं पर शांति बनाए रखने का मूलमंत्र यही है कि हम अपनी ताकत बढ़ाएं और हर स्थिति से निपटने की क्षमता पैदा करें। परमाणु हथियारों को प्रतिरोधक क्षमता तक सीमित बताते हुए उन्होंने कहा कि अब तक इनकी भूमिका यही रही है।
उन्होंने कहा कि बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक में सीमा पार आतंकवादी ढांचों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा था, लेकिन पिछले कुछ महीनों में आतंकवादी शिविर फिर से सक्रिय हो गए हैं और 20 से 25 आतंकवादी शिविरों तथा लांच पैड पर बैठे 200 से 250 आतंकवादी घुसपैठ की फिराक में हैं। इनमें पाकिस्तान के अलावा कुछ विदेशी आतंकवादी भी हैं।
आतंकवादी शिविरों के दोबारा सक्रिय होने पर उन्होंने कहा कि युद्ध में नष्ट किए जाने वाले ढांचे पुल आदि भी दोबारा बन जाते हैं, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक का इतना कड़ा संदेश गया है कि आतंकवादी और उनके आका फिर से किसी नापाक हरकत को अंजाम देने से पहले ठंडे दिमाग से सोचेंगे। उन्होंने कहा कि सेना उनके मंसूबों को निरंतर विफल कर रही है और चौकसी के साथ पूरी तरह तैयार है।