नई दिल्ली। प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे ने लोकपाल की नियुक्ति और किसानों की समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर एक सप्ताह पहले यहां शुरू किया गया अपना अनशन सरकार से लिखित आश्वासन मिलने के बाद आज समाप्त कर दिया। अन्ना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस के हाथों जूस पीकर अपना अनशन तोड़ा।
विभिन्न मांगों को लेकर पिछले छह दिन से रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आज यह कहते हुए अपना अनशन समाप्त कर दिया कि सरकार ने उन्हें केन्द्र में लोकपाल और राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्तियां शीघ्र करने का आश्वासन दिया है।
इस मौके पर केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह द्वारा लिखी गई चिट्ठी पढी जिसमें अन्ना की सभी 11 मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया गया है। अन्ना के सहयोगी जयकांत मिश्रा ने बताया कि अन्ना ने सरकार के आश्वासनों को स्वीकार करते हुए अनशन तोड़ने का फैसला किया।
हजारे ने कहा कि वह सरकार को आश्वासनों को पूरा करने के लिए अगस्त तक छह माह का वक्त दे रहे हैं साथ ही चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो सितंबर में उनका अनशन पुन: शुरू होगा। अन्ना ने कहा, उन्होंने (सरकार) हमें आश्वासन दिया है कि जितनी जल्दी हो सकेगा वे नियुक्तियां कर देंगे। मैं अगस्त तक देखूंगा और सितंबर में अनशन दोबारा शुरू करूंगा। यह निर्धारित समय में होना चाहिए।
हालांकि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा है कि इसमें छह माह भी नहीं लगेंगे, हम देखते हैं। उन्होंने कहा, सरकार और जनता अलग नहीं होती। सरकार का काम है जनता की भलाई, देश की भलाई, ऐसे आंदोलन की नौबत नहीं आनी चाहिए।
स्टेज की ओर जूता फेंका गया : कार्यक्रम के दौरान एक व्यक्ति ने शर्मनाक हरकत करते हुए स्टेज की ओर जूता फेंका, जहां अन्ना, फडणवीस तथा केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत बैठे हुए थे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि व्यक्ति के निशाने पर कौन था। पुलिस ने तुरंत ही उस व्यक्ति को पकड़ लिया। वह व्यक्ति कौन था, उसका क्या नाम है, कहां से आया था और उसका क्या मकसद था। यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। (एजेंसियां)