नई दिल्ली। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला मंगलवार शाम को सदन में हुई घटना से व्यथित हैं। वे सत्र की कार्रवाई के दौरान सांसदों के व्यवहार से इतने दुखी हैं कि उन्होंने आज चौथे दिन भी संसद नहीं पहुंचने का फैसला किया। अध्यक्ष इससे पहले सांसदों को चेतावनी भी दे चुके हैं। वे कह चुके हैं कि सांसद ऐसा करते हैं तो उन्हें पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया जाएगा। बावजूद इसके सांसदों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा।
लोकसभा में कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के हंगामे के कारण प्रश्नकाल गुरुवार को भी बाधित रहा और भारी शोर शराबा तथा हंगामे के कारण पीठासीन अधिकारी भर्तृहरि महताब को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी।
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के सदस्य सदन के बीचोबीच आकर 'अमित शाह इस्तीफा दो, गृहमंत्री इस्तीफा दो' जैसे नारे लगाने लगे। पीठासीन अधिकारी ने नारेबाजी और शोरगुल के बीच ही प्रश्नकाल चालू रखने का प्रयास किया लेकिन इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का भारी हंगामा जारी रहा।
महताब ने कहा कि वे पीठ की तरफ से सदन को बताना चाहते हैं, कुछ सदस्यों के बर्ताव से अध्यक्ष महोदय बहुत दुखी हैं और इसी वजह से वे सदन में नहीं आ रहे हैं। सभा के अध्यक्ष को जिस तरह से चुनौती दी जा रही है, वह दुखद है और उससे दुखी होना अध्यक्ष का अधिकार है।
अध्यक्ष कुछ सदस्यों के व्यवहार को लेकर बहुत दुखी हैं और यही कारण है कि वे सदन की कार्यवाही में शामिल नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कई बार कहा कि अध्यक्ष सदन में कुछ सदस्यों द्वारा किए जा रहे व्यवहार से बहुत क्षुब्ध हैं। अध्यक्ष ही नहीं पूरा देश दुखी है कि देश की जनता की बात को सदन में रखने का अवसर नहीं दिया जा रहा है।