Farmer movement got support from Khap community : किसानों के दिल्ली कूच को लेकर सरकार की कार्रवाई से खापों में लगातार रोष बढ़ता जा रहा है और उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया है। खाप प्रधानों ने मांग की कि सरकार किसान संगठनों से बातचीत करके आंदोलन समाप्त करवाए। पुलिस प्रशासन से अपील की कि किसानों के साथ ज्यादती नहीं की जाए।
कंडेला खाप के प्रधान ओमप्रकाश, माजरा खाप के प्रधान गुरविंदर संधू, जुलाना बारहा खाप के प्रधान बसाऊ राम, ढुल खाप के हरपाल सिंह ढुल ने शनिवार को कहा कि सरकार पंजाब को गाजा व यूक्रेन न बनाए। खाप प्रधानों ने कहा कि इंटरनेट सेवाएं बंद होने से बच्चों की पढ़ाई, बैंकिंग सेवाएं, ऑनलाइन लेनदेन समेत कई तरह के काम ठप हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने दो वर्ष पहले किसानों की मांगों को मान लिया था और लागू करने का वादा किया था तो अब देरी क्यों की जा रही है।
खाप प्रधानों ने मांग की कि सरकार किसान संगठनों से बातचीत करके आंदोलन समाप्त करवाए। माजरा खाप के प्रवक्ता समुद्र सिंह ने पुलिस प्रशासन से अपील की कि किसानों के साथ ज्यादती नहीं की जाए। उन्होंने मांग की कि जींद-नरवाना राष्ट्रीय राजमार्ग पर डूमरखां के पास जो अवरोधक लगाए गए हैं, उन्हें हटाकर रास्ते को खोला जाए।
जींद जिले के जुलाना में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च : जींद जिले के जुलाना कस्बे में किसानों ने शनिवार को संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर ट्रैक्टर मार्च निकाला और सरकार के प्रति नाराजगी व्यक्त की। वहीं लघु सचिवालय पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया और गिरफ्तार किसान नेता सहित तीन लोगों को रिहा करने की मांग की।
जुलाना में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के जिला उप प्रमुख नरेंद्र ढांडा ने आरोप लगाया कि प्रदेश और केंद्र सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने सवाल किया, जब केंद्र सरकार पूंजीपतियों के करोड़ों रुपए के कर्ज माफ कर सकती है तो किसानों के क्यों नहीं। ढांडा ने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों का हक है जिसके लिए वे आंदोलन कर रहे हैं।
सरकार को गलतफहमी है कि हरियाणा के किसान पंजाब के किसानों के साथ नहीं हैं : उन्होंने कहा कि सरकार को गलतफहमी है कि हरियाणा के किसान आंदोलन में पंजाब के किसानों के साथ नहीं हैं। अगर रविवार को किसानों की मांगों को सरकार नहीं मानती तो प्रदेश के किसान दिल्ली कूच की बजाए पंजाब की सीमा पर जाएंगे और वहां मौजूद किसानों के राष्ट्रीय राजधानी जाने का रास्ता साफ करेंगे।
वहीं भारतीय किसान संघर्ष समिति के प्रदेशाध्यक्ष विकास सिंसर के नेतृत्व में किसानों ने लघु सचिवालय पर भी धरना दिया और किसान नेता अक्षय नरवाल के अलावा प्रवीण और वीरेंद्र को रिहा करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने मांग नहीं माने जाने पर रविवार को खटकड़ टोल प्लाजा पर धरना देने की चेतावनी दी। (इनपुट भाषा)
Edited By : Chetan Gour