नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय मंगलवार को 42,000 से अधिक घर खरीदारों को राहत देने के लिए रीयल एस्टेट कंपनी आम्रपाली समूह मामले में फैसला सुनाएगा। इस फैसले से साफ होगा कि संकट में घिरी कंपनी की अटकी पड़ी परियोजनाओं को कौन पूरा करेगा? न्यायाधीश अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ यह फैसला सुनाएगी।
नोएडा और ग्रेटर नोएड प्राधिकरणों के आम्रपाली समूह की अटकी परियोजनाओं को पूरा करने में असमर्थता जताने के बाद शीर्ष अदालत ने इस मामले में 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
दोनों प्राधिकरणों ने एक उच्च शक्ति प्राप्त निगरानी समिति की देखरेख में इन अटकी पड़ीं परियोजनाओं को किसी प्रतिष्ठित बिल्डर को सुपुर्द करने का समर्थन किया था। दोनों ने इस तरह की परियोजनाओं को पूरा करने में संसाधन और विशेषज्ञता की कमी बताते हुए इन्हें पूरा करने से इंकार कर दिया था।
शीर्ष न्यायालय ने 8 मई को कहा था कि वह समूह की सभी 15 प्रमुख आवासीय परिसंपत्तियों पर मालिकाना हक नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दे सकती है, क्योंकि वह 42,000 घर खरीदारों के प्रति प्रतिबद्धता को पूरा करने में विफल रहा है। इसके बाद अदालत ने इन अटकीं परियोजनाओं को पूरा करने और इसके प्रबंधन नियंत्रण के मसले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
शीर्ष अदालत मंगलवार को यह फैसला करेगी कि आम्रपाली की परियोजनाओं में मकान खरीदने वाले 42,000 खरीदारों को घर कौन देगा? (भाषा)