Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

मोदी सरकार ने दिखाया कि भारत की सीमाओं, जवानों को कोई हल्के में नहीं ले सकता : अमित शाह

हमें फॉलो करें मोदी सरकार ने दिखाया कि भारत की सीमाओं, जवानों को कोई हल्के में नहीं ले सकता : अमित शाह
, रविवार, 5 दिसंबर 2021 (17:21 IST)
जैसलमेर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि पुलवामा और उरी में हमलों के बाद सीमा पार हमले करने का कड़ा निर्णय लेने के बाद मोदी सरकार ने दिखाया कि कोई भी भारत की सीमाओं और जवानों को हल्के में नहीं ले सकता है।

सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के 57वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर शाह ने यहां कहा कि मोदी सरकार के लिए सीमा सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है। शाह ने यहां शहीद पूनम सिंह स्टेडियम में कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व में इस सरकार ने 2014 से सीमा सुरक्षा को एक अलग महत्व दिया है। अगर हमारी सीमाओं को लांघा गया या कहीं भी सुरक्षाकर्मियों पर हमला किया गया, तो हमने तुरंत जवाब दिया। हमने दिखाया कि कोई भी हमारी सीमाओं और जवानों को हल्के में नहीं ले सकता है।

बीएसएफ की स्थापना 1 दिसंबर, 1965 को हुई थी, और यह पहली बार दिल्ली के बाहर और पाकिस्तान की सीमा से लगे इस रणनीतिक रेगिस्तानी शहर में अपना स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर रहा है। परेड की सलामी लेने के बाद, शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने भारतीय सैनिकों पर पुलवामा (2019) और उरी हमलों (2016) के बाद हवाई हमला और सर्जिकल स्ट्राइक करने का कड़ा निर्णय लिया। उन्होंने कहा, हमारी कार्रवाई की दुनिया ने तारीफ की।

मंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि कोई भी देश तभी आगे बढ़ सकता है और समृद्ध हो सकता है, जब उसकी सीमाओं की रक्षा हो और बीएसएफ तथा अन्य सुरक्षा बल इस क्षेत्र में एक बढ़िया कार्य कर रहे हैं। देश की सीमाओं पर ड्रोन से हाल के खतरे के बारे में बात करते हुए, शाह ने कहा कि सैनिकों की सुरक्षा और सीमाओं की सुरक्षा के लिए सर्वोत्तम वैश्विक प्रौद्योगिकी प्रदान करने की सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है।

उन्होंने कहा, हम इस दिशा में काम कर रहे हैं। बीएसएफ, एनएसजी और डीआरडीओ संयुक्त रूप से स्वदेशी ड्रोन रोधी प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए काम कर रहे हैं और इसे जल्द ही सामने लाया जाएगा। शाह ने कहा कि सीमा पर अच्छा बुनियादी ढांचा विकसित करना स्वाभाविक रूप से सीमा सुरक्षा से जुड़ा है और उनकी सरकार ने दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ इन संपत्तियों का निर्माण करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि 2008-14 के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लिए सड़क निर्माण का बजट 23,000 करोड़ रुपए था। साल 2014 से 2020 के बीच मोदी सरकार ने बजट को 23,700 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 44,600 करोड़ रुपए कर दिया। यह सीमावर्ती क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने यह भी कहा कि 2007 और 2020 के बीच 7,270 किलोमीटर के पुलों के निर्माण के साथ कुल 14,450 किलोमीटर की सीमा सड़कों का निर्माण किया गया था।

शाह ने कहा कि महत्वपूर्ण सीमा परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी उनके मंत्रालय द्वारा की जा रही है। उन्होंने बीएसएफ जवानों को सीमा पर कड़ी निगरानी रखने को कहा। उन्होंने उनसे यह भी पूछा कि क्या सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सुदूर सीमावर्ती स्थानों तक पहुंच रहा है?

गृहमंत्री ने कहा कि बीएसएफ में रिक्त पदों को भरने के लिए सरकार ने 50 हजार जवानों की भर्ती की है और उनका प्रशिक्षण शुरू हो गया है तथा भविष्य में और नियुक्तियों की योजना है। कार्यक्रम के दौरान बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार सिंह ने बल की अभियान संबंधी उपलब्धियों को साझा किया।(भाषा)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

नए साल में कार खरीदना होगा महंगा! Maruti Suzuki के बाद ये कंपनियां भी बढ़ा सकती हैं दाम