नई दिल्ली। सरकार ने आतंकवाद को समूल नाश करने की प्रतिबद्धता जताते हुए लोकसभा में सोमवार को कहा कि आतंकवादी गतिविधियों के दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी भी जाति, धर्म, संप्रदाय या क्षेत्र का क्यों न हो। सरकार ने पाकिस्तान जैसे देश के बाज न आने पर सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट की तरह एयर स्ट्राइक के रास्ते भी अपनाने का संकल्प दोहराया।
गृहमंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी संशोधन विधेयक 2019 पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए संबंधित विधेयक के कानून बनने के बाद दुरुपयोग की सदस्यों की आशंकाओं को निर्मूल करार देते हुए सदन को आश्वस्त किया कि प्रस्तावित कानून का दुरुपयोग उनकी सरकार कतई नहीं होने देगी।
उन्होंने कहा कि आतंकवाद खत्म करना मोदी सरकार का सर्वोच्च लक्ष्य है और उसे भेदने की दिशा में वह हरसंभव प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि आतंकवादी गतिविधियों का जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा, भले ही वह किसी भी जाति, धर्म, सम्प्रदाय या क्षेत्र का क्यों न हो।
आतंकवाद निरोधक कानून (पोटा) को निरस्त करने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार ने वोट बैंक की खातिर पोटा को निरस्त किया था। पोटा ऐसा कानून था, जिससे आतंकवादी के मन में भय पैदा होता था, लेकिन 2004 में सत्ता में आते ही संप्रग सरकार ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही उसे निरस्त करने का निर्णय लिया था।