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पूर्वोत्तर की जीत ऐतिहासिक, 2019 में जीत के लिए हौसला बढ़ा : शाह

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, शनिवार, 3 मार्च 2018 (20:50 IST)
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मिली सफलता को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार की नीतियों का परिणाम बताते हुए शनिवार को कहा कि इन परिणामों से 2019 के चुनावों को लेकर भी हमारा मनोबल बढ़ा है और हम निश्चित रूप से फिर जीतेंगे।


भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के विधानसभा चुनाव परिणामों पर यहां पार्टी मुख्यालय में कहा कि इस समय की स्थिति के अनुसार, देश में ऐसा पहली बार होगा कि कम से कम 21 राज्यों में भाजपा की सरकार होगी। देश के बहुत बड़े भूभाग पर प्रधानमंत्री मोदी के सुशासन को स्वीकृति हासिल है। लोकतंत्र में सरकार कैसी चल रही है, एक के बाद एक चुनाव में जनादेश कैसा मिला, उसका परिचायक होता है।

उन्होंने कहा कि पांच पीढ़ी से भाजपा कार्यकर्ता जिस जीत की प्रतीक्षा कर रहे थे, मोदी के नेतृत्व में विजय की वह परंपरा जारी रहेगी। इस मौके पर भाजपा कार्यकर्ता बड़ी संख्या में नए भाजपा मुख्यालय में जमा थे और उन्होंने जमकर पटाखे फोड़े। शाह करीब ढाई बजे भाजपा मुख्यालय पहुंचे तो उनका फूलों और गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा करके स्वागत किया गया। शाम को पार्टी मुख्यालय में संसदीय बोर्ड एवं केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक होने की संभावना है जिसमें आगे की रणनीति और राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवार तय किए जाने की संभावना है।

शाह ने कहा कि इस परिणाम ने भाजपा के करोड़ों कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है और उनमें 2019 के आम चुनावों में भी जीत हासिल करने का हौसला बढ़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कर्नाटक के कार्यकर्ताओं का भी उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर खासकर त्रिपुरा की जीत पर भाजपा के उन कार्यकर्ताओं को याद कर रहे हैं जो वाम राजनीतिक हिंसा का शिकार हुए और अपने प्राण गंवाए हैं। त्रिपुरा में नौ भाजपा कार्यकर्ताओं की जानें गईं हैं।

उन्होंने कहा कि त्रिपुरा के नतीजे ऐतिहासिक हैं। वहां 2013 में भाजपा को केवल 1.3 प्रतिशत वोट मिला था और उसका एक भी उम्मीदवार नहीं जीत पाया था। एक उम्मीदवार को छोड़कर पार्टी के सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी। उन्होंने कहा कि भाजपा वहां अकेले स्पष्ट बहुमत हासिल कर रही है और सहयोगी पार्टी के साथ उसका गठबंधन की 43 सीटें जीत रहा है। शाह ने कहा कि इन परिणामों से साफ हो गया कि वामपंथी दलों को अब कोई पसंद नहीं करता।

उन्होंने कहा, लेफ्ट अब देश के किसी हिस्से के लिए 'राइट' नहीं रहा। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने गरीबों, दलितों और आदिवासियों के हित में काम किया, जिसके कारण त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों की सभी 20 सीटों पर राजग उम्मीदवारों की जीत हुई है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा की जीत से सबसे ज़्यादा आनंद केरल एवं पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं के मन में हुआ है, जिसे केवल वे ही समझ सकते हैं। इससे यह भी साफ हो गया है कि पूर्वोत्तर की जनता मोदी के शांति कायम करने के प्रयासों को स्वीकार करती है और खूनी संघर्ष के रास्ते की बजाय शांति एवं विकास को तरजीह देती है।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र में विकास कार्यों को बहुत गति दी जिसके कारण वहां के लोगों ने राजग को भारी समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि पहले पूर्वोत्तर के लिए राशि आवंटित की जाती थी लेकिन विकास नहीं होता था। अब वहां पैसा विकास में बदलते दिखाई दे रहा है।

उन्होंने कहा कि नागालैंड में भाजपा को 10 सीटें मिली हैं तथा उसे 12.1 प्रतिशत वोट मिला है जबकि 2013 के चुनाव में उसे केवल 1.8 प्रतिशत वोट के साथ मात्र एक सीट मिली थी। लेकिन इस बार इस राज्य में राजग को केवल 15 सीटों पर ही 37.8 प्रतिशत वोटों के साथ दस सीटें मिलीं हैं। कांग्रेस द्वारा मेघालय में उसके विधायकों में तोड़फोड़ की आशंका जताए जाने पर भाजपा प्रमुख ने कहा कि मेघालय में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है। इसलिए तोड़फोड़ की कोई गुंजाइश नहीं है। अलबत्ता कांग्रेस को बताना चाहिए कि उसके नेता मेघालय में क्या करने गए हैं।

उन्होंने मेघालय में तोड़फोड़ या जोड़तोड़ की राजनीति से इनकार करते हुए कहा कि विधायक जिसका समर्थन करेंगे उसकी सरकार बनेगी। तथ्य यह है कि तीनों राज्यों में कांग्रेस को नकारा गया है और पूर्वोत्तर की जनता मोदी के नेतृत्व में जा रही है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह परिणाम भाजपा के उदय की निशानी है। इस परिणाम के साथ भाजपा का सच्चा अखिल भारतीय स्वरूप देश के सामने आया है। पहले लोग ताना कसते थे कि भाजपा केवल हिन्दी पट्टी की पार्टी है, लेकिन आज लद्दाख से लेकर केरल, कोहिमा से कच्छ तक भाजपा की उपस्थिति है।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह इसे भाजपा का स्वर्णिमकाल मानते हैं, उन्होंने कहा कि स्वर्णिमकाल आना अभी बाकी है। पश्चिम बंगाल, ओडिशा और केरल में भाजपा की सरकार बनने के बाद ही उसे स्वर्णिमकाल कहा जा सकेगा। त्रिपुरा, नागालैंड एवं मेघालय में भाजपा के शासन में आने के बाद उग्रवादी गुटों को लेकर रुख में कठोर लाए जाने की संभावना पर एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के साथ ही ज़मीन पर संदेश चला जाता है। मणिपुर इसका उदाहरण है। इसलिए कोई सख्ती की जरूरत नहीं है। (वार्ता)

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