नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अब यही क्यों कहा जाता रहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, यह क्यों नहींं पूछा गया कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु या देश का अन्य राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है।
उन्होंने कहा कि दरअसल, यह सब कश्मीर में धारा 370 के रहने के चलते हुआ। धारा 370 कश्मीर को भारत से जोड़ने से रोकती है। लेकिन, अब यह रुकावट दूर हो गई। इसके लिए मैं अपने नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ राजनीतिक इच्छा शक्ति को नमन करता हूं।
जम्मू-कश्मीर को केन्द्र शासित प्रदेश बनाने के सवाल पर शाह ने कहा कि परिस्थितियां सामान्य होने पर इसे राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीओके पर आज भी हमारा दावा उतना ही मजबूत है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों ने दर्द सहा है, हम उनके दर्द को समझते हैं। हम उनसे चर्चा करेंगे।
वे 100 रुपए मांगेंगे तो हम उन्हें 110 रुपए देंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि दबाव में आकर वहां से सुरक्षाबलों को नहीं हटाएंगे।
उन्होंने कहा कि बातचीत करते-करते हम 70 साल के हो गए हैं। क्या पाकिस्तान से प्रेरणा लेने वालों से हमें बातचीत करनी चाहिए? शाह ने कहा कि हम इतिहास की गलतियों को नहीं दोहराएंगे।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी धर्मों के लोग रहते हैं, लेकिन 370 से किसी को भी फायदा नहीं हुआ। 370 हटने से दलितों, महिलाओं और युवाओं को न्याय मिलेगा। उन्होंने 370 से आतंकवाद बढ़ा है क्योंकि यह धारा आतंकवाद का खाद और पानी है।
उन्होंने कहा कि अटलजी पूरी जिंदगी 370 के खिलाफ लड़े थे। लोहिया जी ने हमेशा इस धारा का विरोध किया। उन्होंने कहा कि 370 के समर्थक आतंकवाद, गरीबी और अशिक्षा का समर्थन करते हैं। वे विकास विरोधी हैं।