कर्नाटक चुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग से पहले करने वाले अमित मालवीय इन दिनों चर्चा में हैं। अमित मालवीय ने कुछ मिनटों पहले ही कर्नाटक चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया था। अमित मालवीय ने मामले को तूल पकड़ता देख अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
इससे पहले अमित मालवीय कुछ दिन पहले ही पहले सुर्खियों में आए जब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर डेटा चोरी विवाद में ट्वीट के जरिए सिलसिलेवार हमला किया था। उन्होंने यह हमला मोदी के बचाव में किया था। दरअसल, राहुल ने ट्वीट के जरिए मोदी पर आरोप लगाया था कि वे अपने नमो एप के जरिए अमेरिकी कंपनी को डेटा भेज रहे हैं, वहीं,अमित मालवीय ने ट्वीट के जरिए ऐसे ही आरोप राहुल गांधी पर लगाया था।
आगरा के रहने वाले अमित मालवीय देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा के आई हेड हैं। अमित मालवीय ने पुणे के सिंबोसिस यूनिवर्सिटी से एमबीए की पढ़ाई पूरी की। उनके पास फिनांस सेक्टर और बैंकिंग इंस्टीट्यूशन में काम करने का अच्छा-खासा अनुभव है।
अमित मालवीय ने आईसीआईसीआई बैंक में असिस्टेंट मैनेजर के रूप में मुंबई में नौकरी शुरू की जहां वे रिटेल एसेट के क्रेडिट रिस्क मैनेजर का काम करते थे। यहां उन्होंने एक साल चार महीने काम किया और फिर अक्टूबर 2001 में बिजनेस एनालिस्ट के पद पर कैलॉन से जुड़े। 2003 में वे एचएसबीसी बैंक से जुड़ गए और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट के रूप में वहां जून 2000 तक सात साल काम किया।
यहां उन्होंने अपने कामकाज की छाप छोड़ी। इसके बाद वे जुलाई 2010 में बैंक ऑफ अमेरिका में वाइस प्रेसिडेंट - ग्लोबल ट्रेजरी सेल्स, साउथ बन गए। यहां वे दो साल रहे। अमित मालवीय जब मुंबई में काम कर रहे थे तब भाजपा के कोषाध्यक्ष रहे पीयूष गोयल उनकी प्रतिभा से प्रभावित हुए। पीयूष गोयल भी मूल रूप से फाइनेंस के आदमी हैं और पेशे से सीए रहे हैं। पीयूष गोयल आज केंद्र में रेलवे व कोयला मंत्री हैं। पीयूष गोयल को अमित मालवीय के तकनीक के कुशल उपयोग की खूबी ने प्रभावित किया।
पीयूष गोयल का संगठन में खासा प्रभाव रहा है। उन्होंने अमित मालवीय को भाजपा संगठन में सक्रिय किया और उन्हें पार्टी में जिम्मेवारी दिलवाई। मालवीय ने अपनी नौकरी के दौरान ही भाजपा का सहयोग देना शुरू कर दिया था। 2009 में भाजपा के लोकसभा चुनाव के प्रभारी अरुण जेटली थे, उस समय लालकृष्ण आडवाणी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। तब भाजपा ने फ्रेंड्स ऑफ भाजपा फोरम लांच किया था, जिसका उद्देश्य संभ्रांत तबके को पार्टी से जोड़ना था।
कहते हैं कि इसके पीछे अमित मालवीय का ही दिमाग था। अमित मालवीय इसके बाद अपनी प्रतिभा व कौशल की बदौलत संगठन में तेजी से आगे बढ़ते गए और पार्टी को 2014 के चुनाव में विजय दिलाने में तकनीकी स्तर पर योगदान दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर कई तरह के अभियान चलाए। इसका पुरस्कार उन्हें 2015 में भाजपा आईटी सेल का चीफ बना कर दिया गया।