Madhumita Shukla Murder Case : कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि को शुक्रवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि की रिहाई पर रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
कवियत्री मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में 20 साल पहले पूर्वांचल के कद्दावर नेता/ पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी मधुमणि त्रिपाठी को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी। अमरमणि और उनकी पत्नी मधुमणि को अब जेल से रिहा करने की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अमरमणि और उनकी पत्नी को रिहा करने के लिए 25-25 लाख के 2 मुचलके भरे गए हैं, वही 25-25 लाख के दो पर्सनल बांड भी भरे गए हैं।
इस तरह से पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी दंपति की रिहाई में 1 करोड़ रुपए की धनराशि के पेपर भरे गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक रिहाई के आदेश जेल में पहुंच चुके हैं, लेकिन अमरमणि त्रिपाठी बीमार हैं और उनका इलाज बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में चल रहा है। इसलिए वे बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ही रहेंगे।
उत्तर प्रदेश शासन के कारागार प्रशासन एवं सुधार अनुभाग के विशेष सचिव मदन मोहन ने गुरुवार को राज्य की 2018 की रिहाई नीति का जिक्र करते हुए अमरमणि त्रिपाठी की समयपूर्व रिहाई संबंधी एक आदेश जारी किया था। अधिकारी ने आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और जेल में अच्छे आचरण का जिक्र किया है।
गोरखपुर जेल के जेलर एके कुशवाहा ने बताया कि विभाग ने उनकी वृद्धावस्था और अच्छे व्यवहार का भी हवाला दिया क्योंकि अमरमणि 66 वर्ष के हैं और मधुमणि 61 वर्ष की हैं। इस बीच, बेटे अमनमणि त्रिपाठी ने कहा कि उनके माता-पिता चिकित्सकों की निगरानी में हैं और चिकित्सकीय सलाह के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महराजगंज जिले की लक्ष्मीपुर (अब नौतनवा) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित अमरमणि त्रिपाठी कल्याण सिंह, रामप्रकाश गुप्ता और राजनाथ सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान वह समाजवादी पार्टी (सपा) में थे और फिर वह बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में चले गए।
कवयित्री मधुमिता की नौ मई, 2003 को पेपर मिल कॉलोनी, लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, घटना के वक्त वह गर्भवती थीं। अमरमणि त्रिपाठी को सितंबर, 2003 में कवयित्री की हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जिनके साथ कथित तौर पर अवैध संबंध थे। इस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई थी।