नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की फटकार और सरकार की सख्ती के बाद एयरटेल ने एजीआर (AGR) वैधानिक बकाए में से 10000 करोड़ का भुगतान कर दिया है। कंपनी ने यह जानकारी दी है।
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर वैधानिक बकाए के भुगतान में देरी को लेकर शीर्ष टेलीकॉम कंपनियों को कड़ी फटकार लगाई थी। फटकार के बाद शुक्रवार शाम को विभाग ने दूरसंचार कंपनियों को आधी रात तक 1.47 लाख करोड़ रुपए बकाया राशि चुकाने के निर्देश दिए।
दूरसंचार विभाग ने कहा था कि भारती-एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और अन्य कंपनियों को मियाद से पहले समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की रकम शुक्रवार रात 11.59 बजे तक चुकानी होगी, लेकिन इसके बावजूद किसी कंपनी ने भुगतान नहीं किया।
दूरसंचार विभाग के आदेश के बाद भारती एयरटेल ने 20 फरवरी तक 10 हजार करोड़ जमा कराने की बात कही थी। कंपनी ने कहा था कि शेष राशि अगली सुनवाई से पहले चुका दी जाएगी। एजीआर की गणना के लिए थोड़ा समय चाहिए।
एयरटेल ने कहा है कि वह सेल्फ असेसमेंट के बाद शेष राशि का भुगतान करेगी। भारती एयरटेल ने कहा कि हम सेल्फ असेसमेंट एक्सरसाइज को तेजी से पूरा करने की प्रक्रिया में हैं और सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तारीख से पहले ही इसे पूरा करने पर बैलेंस भुगतान कर देंगे।
सरकार का एयरटेल पर लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क सहित लगभग 35,586 करोड़ रुपए का बकाया है। कंपनियों ने एजीआर वैधानिक बकाए का भुगतान करने के लिए 2 साल की रोक के साथ 10 साल का समय देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर में सरकार द्वारा दूरंसचार कंपनियों से उन्हें प्राप्त होने वाले राजस्व पर मांगे गए शुल्क को उचित बताया था। (भाषा)