Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

एयर इंडिया में 49 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी

हमें फॉलो करें एयर इंडिया में 49 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी
, बुधवार, 10 जनवरी 2018 (19:09 IST)
नई दिल्ली। सरकार ने 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के ऋण के बोझ तले दबी सार्वजनिक विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया में 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया।


इससे एयर इंडिया के विनिवेश में विदेशी कंपनियां भी बोली लगा सकेंगी। उन्हें सरकारी विमान सेवा कंपनी में निवेश के लिए सरकार से पूर्व मंजूरी लेनी होगी। इससे पहले विमानन क्षेत्र में शिड्यूल तथा नॉन शिड्यूल एयरलाइंस में 49 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति थी, लेकिन एयर इंडिया में एफडीआई की अनुमति नहीं थी।

अधिकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि मंत्रिमंडल के आज के फैसले के बाद विदेशी एयरलाइंस सरकारी अनुमति के साथ एयर इंडिया में 49 प्रतिशत तक निवेश कर सकेंगी। शर्त यह रखी गई है कि प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से भी विदेशी कंपनी की हिस्सेदारी 49 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए। साथ ही एयर इंडिया का प्रभावी नियंत्रण और बड़ी हिस्सेदारी भारतीय कंपनी के पास रहे। 
 
मंत्रिमंडल ने पिछले साल 28 जून को एयर इंडिया में विनिवेश की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में मंत्रियों के एक समूह की निगरानी में विनिवेश प्रक्रिया चल रही है। इस समूह में नागर विमानन मंत्री अशोक गजपति राजू, रेलमंत्री पीयूष गोयल, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु और सड़क परिवहन एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी शामिल हैं। विनिवेश प्रक्रिया के तहत सौदा सलाहकार के तौर पर ईवाई की नियुक्ति हो चुकी है।

अब तक औपचारिक रूप से सिर्फ इंडिगो ने एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने में रुचि दिखाई है, लेकिन वह सिर्फ उसके अंतरराष्ट्रीय परिचालन में रुचि ले रही है। टाटा समूह के अध्यक्ष एन. चंद्रशेखरन एक कार्यक्रम के दौरान कह चुके हैं कि समूह भी एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने का इच्छुक है। एयरलाइन पर ऋण का बोझ कम करने के लिए कई मोर्चों पर सरकार काम कर रही है।

इसमें परिसंपत्तियों का विनिवेश भी शामिल है। इसके बाद भी एयर इंडिया पर बड़े ऋण के बोझ के कारण उसके लिए खरीददार सामने नहीं आ रहे थे। सरकार के इस फैसले से विदेशी एयरलाइंसों के लिए भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी में बोली लगाना संभव हो सकेगा। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अब नहीं होगा आधार डेटा चोरी का डर, सरकार ने बनाया यह प्लान