नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के भौतिक चिकित्सक (फिजियोथेरेपिस्ट) अब शीघ्र ही मरीजों को रोबोट की मदद से थैरेपी दे पाएंगे। संस्थान का भौतिक चिकित्सा विभाग मरीजों के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए यह नई प्रौद्योगिकी हासिल करने जा रहा है। 7वें अंतरराष्ट्रीय भौतिक चिकित्सा सम्मेलन एम्स-2018 के समापन के मौके पर रविवार को यह घोषणा की गई।
देश-विदेश के 600 से अधिक प्रतिनिधियों ने इस सम्मेलन में हिस्सा लिया। 2 दिवसीय इस सम्मेलन का उद्घाटन शनिवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्वनि कुमार चौबे ने किया था। सहभागियों ने कहा कि भौतिक चिकित्सकों की भूमिका 'आयुष्मान भारत' के तहत परिभाषित होगी और यह सरकार के कल्याण कार्यक्रम का अभिन्न हिस्सा है।
एम्स के स्नायु विज्ञान विभाग के वरिष्ठ भौतिक चिकित्सक डॉ. प्रभात रंजन ने कहा कि आईसीयू में रोबोट को शामिल करना खासकर हाथ और पैर के शीघ्र स्वस्थ होने के लिए पांसा पलटने वाली स्थिति होगी।