नई दिल्ली/लखनऊ। पानी की बौछारें और सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प के बाद हजारों किसान शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी ग्राउंड में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति मिलने के उपरांत टिकरी बार्डर से शहर में दाखिल हो गए। दूसरी तरफ किसान सिंघु बॉर्डर पर डेरा जमाकर बैठ गए हैं। पुलिस ने शुक्रवार को किसानों को उत्तरी दिल्ली के निरंकारी ग्राउंड में प्रदर्शन करने की अनुमति दी। यह दिल्ली के सबसे बड़े मैदानों में एक है, लेकिन सिंघू बार्डर पर इकट्ठा हुए किसान अब तक शहर में दाखिल नहीं हुए हैं।
किसानों को दिल्ली में एंट्री की इजाज़त मिलने के बाद हरियाणा और पंजाब के बीच अंबाला के पास शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने बैरिकेड्स हटा लिए हैं। केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली चलो मार्च के तहत विभिन्न स्थानों पर जमा किसानों को रोकने के लिए घंटों तक पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। पुलिस ने आंसूगैस के गोले छोड़े और पानी की बौछारों का भी प्रयोग किया लेकिन किसान नहीं माने। कई जगहों पर किसानों ने पथराव किया और बैरिकेड्स भी तोड़ डाले।
सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार : किसानों से अपना आंदोलन समाप्त करने की अपील करते हुए केंद्रीय कृषिमंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को कहा कि सरकार उनके साथ सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।
केन्द्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के दिल्ली चलो मार्च में शामिल हजारों किसानों ने पानी की बौछार का सामना और सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प करते शुक्रवार को दिल्ली में प्रवेश करना शुरू कर दिया है। इससे पहले दिन में तोमर ने कहा कि नए कृषि कानून, किसानों के जीवन में जबरदस्त सुधार लाएंगे।
उन्होंने कहा कि विभिन्न किसान निकायों को तीन दिसंबर को चर्चा के लिए बुलाया गया है। तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों से अपनी हड़ताल समाप्त करने और बातचीत के लिए आगे आने की अपील की। मंत्री ने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसानों ने उत्तरप्रदेश के कई जिलों में चक्काजाम और विरोध प्रदर्शन किया। लखनऊ में भारतीय किसान यूनियन ने अहिमामऊ-सुल्तानपुर मार्ग पर चक्काजाम की तैयारी की थी, लेकिन प्रशासनिक मुस्तैदी से यह संभव नहीं हो सका। किसानों ने शनिवार और रविवार को भी आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है।