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CBI पिंजरे में बंद तोता, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद आप ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शुक्रवार, 13 सितम्बर 2024 (23:27 IST)
Supreme Court comment on CBI: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में शीर्ष अदालत की तीखी टिप्पणी के बाद आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
 
क्या कहा भुइयां ने : उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की कड़ी आलोचना की है और कहा कि इस केंद्रीय एजेंसी को ‘पिंजरे में बंद तोते’ बन जाने की धारणा दूर करना चाहिए। ALSO READ: CM मान और सिसोदिया के गले लगे केजरीवाल, मां ने तिलक लगाकर किया स्वागत
 
उच्चतम न्यायालय ने आबकारी नीति 'घोटाले' के संबंध में सीबीआई द्वारा दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी और कहा कि लंबे समय तक जेल में रखना स्वतंत्रता से अन्यायपूर्ण तरीके से वंचित करने के समान है।
 
आप ने मांगा अमित शाह से इस्तीफा : दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी न केवल जांच एजेंसी के खिलाफ थी, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ भी थी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि इससे उन पर सवाल उठते हैं। उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को पिंजरे में बंद तोता कहा है। उनकी मंत्रिमंडलीय सहयोगी आतिशी ने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया। ALSO READ: देश को तोड़ने वाली ताकतों के साथ खड़े हैं राहुल गांधी, आरक्षण वाले बयान पर भड़के अमित शाह
 
उन्होंने कहा कि इतने सारे छापे मारे गए, लेकिन अवैध रूप से अर्जित रकम का एक पैसा भी नहीं मिला। फिर भी हमारे कई नेताओं को सलाखों के पीछे डाल दिया गया। केजरीवाल को जमानत देने का उच्चतम न्यायालय का फैसला शाह, गृह मंत्रालय, केंद्र और सीबीआई के मुंह पर तमाचा है। केजरीवाल के बाहर आने से पहले शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए।
 
केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल : आप सुप्रीमो के लिए जमानत की मंजूरी पर सहमति वाला एक पृथक फैसला लिखते हुए न्यायमूर्ति भुइयां ने सीबीआई द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी के समय पर सवाल उठाया और कहा कि एजेंसी का उद्देश्य ईडी मामले में उन्हें जमानत दिए जाने में बाधा डालना था। हालांकि न्यायमूर्ति सूर्यकांत को सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी में कुछ भी अवैध नजर नहीं आया।
 
न्यायमूर्ति भुइयां ने कहा कि सीबीआई देश की एक प्रमुख जांच एजेंसी है और यह लोगों के हित में है कि वह न केवल पारदर्शी हो, बल्कि ऐसा (पारदर्शी) प्रतीत भी हो। न्यायमूर्ति भुइंया ने कहा कि ऐसी धारणा को दूर करने के लिए हर प्रयास किया जाना चाहिए कि जांच निष्पक्ष ढंग से नहीं किया गया और गिरफ्तारी पक्षपातपूर्ण एवं मनमाने तरीके से की गई। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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