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राज्यसभा में सरकार का स्पष्टीकरण, सियाचिन सैनिकों के खाने की पौष्टिकता में कोई कमी नहीं

हमें फॉलो करें राज्यसभा में सरकार का स्पष्टीकरण, सियाचिन सैनिकों के खाने की पौष्टिकता में कोई कमी नहीं
, शनिवार, 19 सितम्बर 2020 (16:02 IST)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शनिवार को स्पष्ट किया कि दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धस्थल सियाचिन में तैनात सैनिकों को दिए जाने वाले भोजन की पौष्टिकता में कोई कमी नहीं है और यह पर्याप्त से अधिक है।
तृणमूल कांग्रेस सदस्य शांता छेत्री ने राज्यसभा में सरकार से सवाल किया था कि क्या सिचाचिन में तैनात सैनिकों द्वारा ली जा रही कैलोरी की मात्रा में 82 प्रतिशत तक की कमी है? इसके लिखित जवाब में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपाद नाइक ने कहा कि जी नहीं। ऐसा कोई मामला नहीं आया है। एक दिन के लिए मानक राशन में ऊर्जा खर्च को पूरा करने के लिए पर्याप्त कैलोरी होती है।
 
उन्होंने बताया कि राशन मानकों को जलवायु की विभिन्न परिस्थितियों में सैनिकों के ऊर्जा खर्च के अनुसार एक सैनिक की पोषण संबंधी आवश्यकता के आधार पर निर्धारित किया जाता है तथा सियाचिन जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों (12,000 फुट से अधिक) में इस प्रकार की परिस्थितियों में ऊर्जा खर्च की आपूर्ति के लिए राशन के विशेष मानक प्राधिकृत हैं।
 
रक्षा कायिकी एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (डीआईपीएएस) द्वारा किए गए एक अध्ययन का हवाला देते हुए नाइक ने बताया 12,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर तैनात सैन्य दलों के लिए कुल ऊर्जा खर्च 4,270 किलो कैलोरी है जबकि मौजूदा राशन 5,350 किलो कैलोरी का है। उन्होंने कहा कि अतः यह देखा जा सकता है कि राशन से कैलोरी सेवन पर्याप्त से अधिक है।
रक्षा राज्यमंत्री ने बताया कि सभी स्थानों पर सैन्य दलों की पसंद के साथ-साथ पोषण संबंधी आवश्यकताओं की आपूर्ति करते हुए रक्षा खाद्य निर्देशनों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण राशन जारी सुनिश्चित करने के लिए एक सुव्यवस्थित मजबूत तंत्र है तथा सियाचिन में भी सदैव सैन्य दलों की पसंद और उनकी पोषण संबंधी आवश्यकता के अनुरूप गुणवत्तायुक्त राशन सुनिश्चित किया जाता है।
 
ज्ञात हो कि सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। यह हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रृंखला में स्थित है। ठंड में यहां तापमान शून्य से 50 डिग्री सेल्सियस नीचे तक पहुंच जाता है। (भाषा)

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