भोपाल। पाकिस्तान के कब्जे में विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की सकुशल रिहाई के लिए पूरा देश दुआ कर रहा है। वहीं वेबदुनिया आपको एक ऐसे शख्स से मिलवाने जा रहा है जो 1971 के युद्ध में पाकिस्तान में पांच महीने तक युद्धबंदी के रूप में रह चुके हैं।
एयर वाइस मार्शल (रिटायर) आदित्य विक्रम पेठिया ने 1971 के युद्ध में अपने टारगेट को सफलता पूर्वक बर्बाद कर दिया था। हालांकि इस दौरान वो पाक के कब्जे में आ गए। वेबदुनिया से बात करते हुए आदित्य विक्रम पेठिया कहते हैं कि विंग कमांडर अभिनंदन को पाकिस्तान के कब्जे में देखकर उनके आंखों के सामने 48 साल पहले का दृश्य कौंध जाता है।
वायुसेना में 38 साल की सेवा के बाद रिटायर हुए एयर वाइस मार्शल आदित्य विक्रम पेठिया कहते हैं कि भारतीय सैनिकों के साथ पाकिस्तान का व्यवहार दिखाने को और कुछ होता है और वास्तविकता में कुछ और होता है। पाकिस्तान द्वारा अभिनंदन के चाय पीते हुए जारी किए वीडियो भी पेठिया गलत ठहराते हैं। वह कहते हैं कि पाकिस्तान को उसी की भाषा में सबक सिखाना चाहिए।
वेबदुनिया के साथ पाकिस्तान के साथ हुए 1971 युद्ध के अपने अनुभव को साझा करते हुए पेठिया कहते हैं कि जिस तरह अभिनंदन अपने जुनून से टारगेट को सफलतापूर्वक बर्बाद करने के बाद पाकिस्तान के कब्जे में आ गए, ठीक कुछ इसी तरह 48 साल पहले उनके साथ हुआ था। उस वक्त फाइटर पायलट आदित्य लड़ाकू विमान मिस्टीयर उड़ा रहे थे और दुश्मन के टैंक ले जा रही ट्रेन को बर्बाद करने के दौरान वो पाक के कब्जे में आ गए थे।
वायुसेना में 1963 में शामिल हुए पेठिया पाकिस्तान के साथ भारत के 1965, 1971 और कारगिल युद्ध में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से शामिल हुए हैं। उनको पूरा भरोसा है कि अभिनंदन की जल्द से जल्द रिहाई होगी।