गूगल 1 नवंबर को अपने डूडल के माध्यम से साहित्यिक आलोचक और उर्दू लेखक अब्दुल कवि देसनावी को उनके जन्मदिन पर सम्मानित कर रहा है। 1930 में बिहार के देसा गांव में पैदा हुए अब्दुल कवि ने भारत में उर्दू साहित्य के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पांच दशकों की अवधि के दौरान, देसनावी ने साहित्य, जीवनी, कविता और कथनों सहित कई उर्दू पाठों का निर्माण किया। उनके प्रमुख कार्यों में 'सात तहरीरें', 'मोटाला-ए-खोतूट गालिब', 'तलाश-ए-आज़ाद' और मौलाना अबुल की जीवनी 'हयात-ए-अबुल कलाम आजाद' शामिल हैं।
देसनावी मुस्लिम विद्वान सैयद सुलेमान नदवी के परिवार में पैदा हुए थे। वे 1990 में भोपाल के सैफिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में उर्दू विभाग के प्रमुख के रूप में सेवानिवृत्त हुए। आज के कई प्रसिद्ध कवि और शिक्षाविद उनके शिष्य हैं जिनमें जावेद अख्तर और इकबाल मसूद भी शामिल हैं। इन भाषाविद् और आलोचक का सम्मान करते हुए गूगल डूडल ने उर्दू स्टाइल लिपि में उनका लोगो डिजाइन किया। डूडल इस लोगो में उन्हें काम करते हुए दिखा रहा है।