नई दिल्ली। शनिवार को संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की जयंती पर संसद भवन परिसर में राहुल गांधी और लालकृष्ण आडवाणी ने जिस तरह से मुलाकात की वह लोकतंत्र की ताकत को दर्शा रही थी। इस अवसर पर भाजपा के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और राहुल गांधी के बीच की केमिस्ट्री सुर्खियों में आ गई।
कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी और भाजपा के 90 वर्षीय वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी शनिवार को संसद भवन परिसर में दोनों नेताओं ने जिस तरह से मुलाकात की वह लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा कही जा सकती है। विदित हो किबाबा साहेब की याद में आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी मौजूद थे, तभी वहां लालकृष्ण आडवाणी पहुंचे।
आडवाणी जी संसद भवन परिसर में थोड़ा लड़खड़ा गए, तभी राहुल गांधी वहां पहुंचे और उन्हें पकड़कर संभाला। राहुल ने आडवाणी से उनका हालचाल पूछा। राहुल भाजपा के वरिष्ठ राजनेता का सम्मान करते दिखे और दोनों ऐसे बातें करते दिखे मानों इनके बीच कोई गिले-शिकवे न हों।
संसद भवन परिसर में बाबा साहेब आंबेडकर को याद करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम पार्टियों के सांसद पहुंचे। सभी ने बाबा साहेब की तस्वीर पर पुष्प अर्पित किए।
यहां बौद्ध भिक्षुओं को भी आमंत्रित किया गया था। पीएम मोदी बौद्ध भिक्षुओं के सामने सिर झुकाकर उन्हें नमस्कार करते दिखे।
विदित हो कि बाबा साहेब आंबेडकर ने हिंदू समाज के भेदभाव से परेशान होकर बौद्ध धर्म अपना लिया था। 1891 में 14 अप्रैल को देश के संविधान निर्माता डॉ. भीम राव आंबेडकर का जन्म इंदौर के निकट महू छावनी में हुआ था।